नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने समाजवादी नेता राम मनोहर लोहिया (Socialist leader Ram Manohar Lohia) को उनकी 114वीं जयंती पर श्रद्धांजलि देते हुए शनिवार को कहा कि वह स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद स्वतंत्र भारत में राजनीति के एक स्तंभ थे।
मोदी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ लिखा कि लोहिया को उनके मजबूत समाजवादी विचारों के लिए हमेशा याद किया जाएगा। उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में जन्मे लोहिया को पारंपरिक रूप से वंचित समुदायों के सशक्तीकरण पर केंद्रित राजनीति को आकार देने और उस समय प्रमुख दल कांग्रेस के खिलाफ विपक्षी ताकतों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया जी को उनकी जन्म-जयंती पर आदरपूर्ण श्रद्धांजलि। आजादी के आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाने के बाद वे स्वतंत्र भारत की राजनीति के भी एक मजबूत आधारस्तंभ बने रहे। अपने प्रखर समाजवादी विचारों के लिए वे सदैव स्मरणीय रहेंगे।
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2024
शहीदों के बलिदान को किया याद
मोदी ने एक अन्य पोस्ट में क्रांतिकारी स्वतंत्रता सेनानियों भगत सिंह (Bhagat Singh), सुखदेव (Sukhdev) और राजगुरु (Rajguru) को श्रद्धांजलि अर्पित की, जिन्हें ‘लाहौर षड्यंत्र (Lahore Conspiracy)’ मामले में उनकी भूमिका के लिए अंग्रेजों ने फांसी दे दी थी। मोदी ने ‘शहीद दिवस (Martyrs Day)’ पर तीनों को श्रद्धांजलि देते हुए कहा, ‘‘देश मां भारती के इन सच्चे सपूतों” के बलिदान को श्रद्धापूर्वक याद करता है।
राष्ट्र आज मां भारती के सच्चे सपूत वीर भगत सिंह, सुखदेव और राजगुरु की शहादत को श्रद्धापूर्वक स्मरण कर रहा है। शहीद दिवस पर देशभर के अपने परिवारजनों की ओर से उन्हें नमन और वंदन। जय हिंद! pic.twitter.com/muz6dWZWel
— Narendra Modi (@narendramodi) March 23, 2024
इन तीनों क्रांतिकारियों ने ब्रिटिश शासन का विरोध करने के लिए हाथ मिलाया था। सिंह ने अप्रैल 1929 में ‘सेंट्रल असेंबली’ में बम फेंका था। बम फेंकने का उद्देश्य किसी को मारना नहीं बल्कि अपना विरोध दर्ज कराना था। इन तीनों को आज ही के दिन 1931 में फांसी दे दी गई थी। उस समय उन तीनों की उम्र 25 वर्ष से कम थी।
(एजेंसी)