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    नई दिल्ली. सुबह की बड़ी खबर के अनुसार, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) अपनी दो दिवसीय यात्रा पर केरल (Kerala) पहुंचेंगे। इस दौरान वह करोड़ों की परियोजनाओं का उद्घाटन भी करेंगे। वे वहां कोच्चि मेट्रो के दूसरे चरण की आधारशिला भी रखेंगे साथ ही 2 सितंबर को कोच्चि (Kochi) में कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में देश के पहले स्वदेशी एयरक्राफ्ट कैरियर INS विक्रांत को आधिकारिक तौर पर भारतीय नौसेना को भी सौंपेंगे।

    जी हां, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) आगामी दो सितंबर को कोच्चि के कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड में देश के पहले स्वदेशी विमानवाहक पोत ‘आईएनएस विक्रांत’ (INS Vikrant) को नौसेना (Navy) में शामिल करेंगे। इस साथ ही PM मोदी आज और कल कर्नाटक और केरल में कई कार्यक्रमों में शिरकत करेंगे, जिसमें कोचीन हवाईअड्डे के पास कलाडी गांव में आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान का दौरा भी शामिल होगा।

    आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि प्रधानमंत्री बृहस्पतिवार शाम यहां पहुंचेंगे। उन्होंने बताया कि मोदी एक जनसभा को संबोधित करेंगे और कोचीन हवाईअड्डे के पास कलाडी गांव स्थित आदि शंकराचार्य के जन्मस्थान आदि शंकरा जन्मभूमि क्षेत्रम (मंदिर) जाएंगे। वह शाम छह बजे कोच्चि मेट्रो फेज-दो परियोजना का शिलान्यास करेंगे और एसएन जंक्शन से वडक्केकोट्टा तक पहले हिस्से- चरण-1 ए का उद्घाटन करेंगे।   

    करेंगे 3,800 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का उद्घाटन

    उधर PMO के मुताबिक, प्रधानमंत्री मंगलुरु में करीब 3,800 करोड़ रुपये की लागत वाली विभिन्न परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी आत्मनिर्भरता के प्रबल समर्थक रहे हैं, खासकर रणनीतिक क्षेत्रों में, और ‘आईएनएस विक्रांत’ का नौसेना में शामिल होना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह पहला ऐसा पोत है, जिसे पूरी तरह से स्वदेश में बनाया गया है।

    INS विक्रांत पहला स्वदेशी पोत

    भारतीय नौसेना के इन-हाउस वॉरशिप डिजाइन ब्यूरो (डब्ल्यूडीबी) द्वारा डिजाइन किया गया और सार्वजनिक क्षेत्र के शिपयार्ड कोचीन शिपयार्ड द्वारा निर्मित ‘INS विक्रांत’ अत्याधुनिक ऑटोमेशन सुविधाओं से लैस है। यह भारत के समुद्री इतिहास में देश में निर्मित अब तक का सबसे बड़ा पोत है। पीएमओ के अनुसार, विमान वाहक पोत का नामकरण उसके पूर्ववर्ती ‘आईएनएस विक्रांत’ के नाम पर किया गया है, जो भारत का पहला विमान वाहक पोत था और जिसने 1971 के युद्ध में अहम भूमिका निभाई थी। प्रधानमंत्री कार्यालय ने बताया कि पोत में बड़ी संख्या में स्वदेशी उपकरण और मशीनरी लगाई गई है।प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि मोदी नए नौसैनिक ध्वज (निशान) का भी अनावरण करेंगे, जो औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़ते हुए समृद्ध भारतीय समुद्री विरासत के अनुरूप होगा।