नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने गुरुवार को यूक्रेन (Ukraine) से भारत लौटे छात्रों के साथ वाराणसी (Banaras) में बातचीत की। उक्रेन से लौटे छात्रों ने पीएम के साथ अपने अनुभव साझा किए। यहां स्टूडेंट उत्तर प्रदेश के वाराणसी के साथ-साथ अन्य हिस्सों से भी शामिल हुए थे। भारत लगातार यूक्रेन में फंसे अपने नागरिकों की वतन वापसी कर रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने यूक्रेन से लौटे छात्रों से कहा, सरकार हर जिले में मेडिकल कॉलेज खोलने पर काम कर रही है, पहले के 70 वर्षों की तुलना में 10 वर्षों में अधिक डॉक्टरों के बनने की संभावना है। उन्होंने यह भी कहा कि,यदि चिकित्सा शिक्षा नीतियां पहले ठीक होती, तो शायद आपको विदेश नहीं जाना पड़ता।
#WATCH | Prime Minister Narendra Modi interacted with students who returned from Ukraine in Varanasi today. These students shared their experiences with him. The students were from Varanasi as well as other parts of Uttar Pradesh. pic.twitter.com/DOSz8XYo5j
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) March 3, 2022
यूक्रेन छोड़ चुके 17,000 भारतीय नागरिक
एडवाइजरी जारी होने के बाद से अब तक कुल 17,000 भारतीय नागरिक यूक्रेन छोड़ भारत लौट चुके है। वहीं, ओप्रशन गंगा के तहत यूक्रेन में फंसे शेष छात्रों को निकालने के लिए फ्लाइट्स बढ़ाई गई हैं। भारत अपने नागरिकों को पोलैंड, रोमानिया, हंगरी और स्लोवाकिया जैसे यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों के रास्ते विशेष विमानों के जरिए भारत वापस ला रहा रहा है। क्योंकि, 24 फरवरी को रूसी सैन्य द्वारा हमले के बाद से यूक्रेन का हवाई क्षेत्र बंद है।
यूक्रेन में फंसे हुए हैं 8,000 भारतीय
इससे पहले, विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने मंगलवार को कहा था कि, यूक्रेन में लगभग 8,000 भारतीय फंसे हुए हैं, जिनमें ज्यादातर स्टूडेंट हैं। बता दें कि, भारत के चार केंद्रीय मंत्री अपने देश के नागरिकों को निकालने के लिए यूक्रेन के पश्चिमी पड़ोसी देशों में गए हुए हैं। किरेन रिजीजु स्लोवाकिया में, हरदीप सिंह पुरी हंगरी में, ज्योतिरादित्य सिंधिया रोमानिया तो वी.के. सिंह पोलैंड में रुके हुए है।
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने गुरुवार को कहा कि, भारत इस क्षेत्र में रूस, रोमानिया, हंगरी, स्लोवाकिया, माल्डोवा सहित अन्य देशों से प्रभावी ढंग से समन्वय कर रहा है।