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अनंतनाग. जहां एक तरफ जम्मू-कश्मीर (Jammu-Kashmir) के अनंतनाग (Anantnaag) में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में शहीद कर्नल मनप्रीत सिंह और मेजर आशीष धोनैक और अन्य शहीदों के घरों पर भारी गम का माहौल है। वहीं सपूतों की शहादत की खबर फैलते ही बृहस्पतिवार को बड़ी संख्या में लोग शोक संतप्त परिजनों को ढांढस बंधाने के लिए उनके घरों के बाहर एकत्र हो गए। घर के बाहर जुटी भीड़ में से कुछ लोगों ने आक्रोशित स्वर में कहा कि सेना को इस कायरना हरकत के लिए आतंकवादियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।

फारूक अब्दुल्ला ने की बातचीत की वकालत 

इधर अनंतनाग में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ पर राजनीतिक बयान बाजी भी अब तेज हो चुकी है. इस बाबत नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि, “ये बहुत बड़ा सदमा है। ये बर्बादी बहुत वक्त से चल रही है मुझे इसका अंत नहीं दिखता है…लड़ाई से अमन नहीं आता है बातचीत से आता है। जब से देश आजाद हुआ ये फसाद साथ है। इसका हल निकालना जरूरी है…मैं इसका जवाब नहीं दे सकता हूं कि वे कहां से आ रहे हैं। वे दूसरे देश से भी हो सकते हैं। रोज हमें इस खतरे का सामना करना पड़ता है, इसका खामियाजा केवल जनता को होता है। लड़ाई से कोई मसला हल नहीं होता। पाकिस्तान ने 4 जंगे की हैं पर बॉर्डर वहीं खड़ा है। बातचीत के आलावा कोई रास्ता नहीं है।”

वी. के. सिंह- पाकिस्तान को करना होगा अलग-थलग

तो वहीं अनंतनाग मुठभेड़ पर केंद्रीय मंत्री जनरल (सेवानिवृत्त) वी. के. सिंह ने कहा कि, “जब तक हम पाकिस्तान को अलग-थलग नहीं करेंगे तब तक कुछ बदलने वाला नहीं है। पाकिस्तान पर दवाब डालना है तो उनको हमें अलग-थलग करना ही होगा।” जानकारी दें कि कश्मीर घाटी के कोकरनाग इलाके में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में कर्नल और मेजर सहित सेना के तीन जवान व जम्मू-कश्मीर पुलिस के एक उपाधीक्षक शहीद हो गए थे।