नयी दिल्ली. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि जैन आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा दिया गया “स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ समाज, स्वस्थ अर्थव्यवस्था” का मंत्र मौजूदा दौर के लोगों के लिये बड़ी प्रेरणा है। जैन धर्म गुरू की जन्म शताब्दी के मौके पर आयोजित कार्यक्रम को ऑनलाइन संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “हमारे लिए ये एक अवसर होगा कि हम सब ‘सुखी परिवार और समृद्ध राष्ट्र’ के आध्यात्मिक गुरु के स्वप्न को साकार करने में अपना योगदान दें, उनके विचारों को समाज तक पहुंचाएँ।” मोदी ने कहा, “योग के जरिये उन्होंने लाखों लोगों को अवसाद मुक्त जीवन जीने की कला सिखाई।”
Our Atal ji, who himself was connoisseur of literature, used to often say, ‘I am an admirer of Acharya Mahapragya’s literature, the depth of his literature, his words and his knowledge’: PM Narendra Modi on the birth centenary celebration of Acharya Mahapragya today pic.twitter.com/5aNUxu3mZv
— ANI (@ANI) June 19, 2020
उन्होंने कहा कि यह भी एक सुखद संयोग है कि रविवार को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाया जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 महामारी के संभावित संदर्भ में कहा, “आचार्य महाप्रज्ञ जी ने हमें एक और मंत्र दिया। उनका मंत्र था- ‘स्वस्थ व्यक्ति, स्वस्थ समाज, स्वस्थ अर्थव्यवस्था’। आजकी परिस्थिति में उनका मंत्र हम सभी के लिए एक बड़ी प्रेरणा है।” उन्होंने कहा कि आज देश इस मंत्र और आत्मनिर्भरता के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है। आचार्य महाप्रज्ञ जैन धर्म के श्वेतांबर तेरापंथ के 10वें प्रमुख थे। मोदी ने धर्म गुरू के शब्दों को याद किया कि “अगर तुम मैं और मेरा छोड़ दो,तब सबकुछ तुम्हारा हो जाएगा”, और कहा कि आचार्य ने शांति, अहिंसा और सद्भाव का संदेश देने के लिये काफी दूर-दूर तक यात्राएं कीं। महाप्रज्ञ ने संस्कृत, हिंदी, गुजराती और अंग्रेजी में 300 से ज्यादा किताबें लिखी हैं।