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नई दिल्ली/गुरदासपुर. जहां पंजाब (Punjab) में बीते एक महीने से अधिक समय में अब दूसरी बार बाढ़ आई है।  वहीं राज्य में हुई बारिश से पंजाब (Punjab Flood) के कई हिस्से प्रभावित हुए, जिससे बड़े पैमाने पर कृषि क्षेत्रों और अन्य क्षेत्रों में पानी भर गया और जन-जीवन प्रभावित हुआ।  इसके साथ ही पंजाब में सतलुज नदी में पानी का बहाव अधिक आ जाने से श्री आनंदपुर साहिब के कई गांव में बाढ़ जैसे हालात हो गए हैं।  वहीं आज यानी 17 अगस्त  और 18 अगस्त को भी स्कूलों में छुट्टी की गई है। 

दरअसल भाखड़ा बांध प्रबंधन बोर्ड (BBMB) ने अगले चार दिन और फ्लड गेट खोले रखने का फैसला किया है, ताकि खतरे के निशान के करीब पहुंच रहा जलस्तर अब थोड़ा कम हो सके। लेकिन इससे सतलुज नदी के बढ़े जलस्तर ने रूपनगर में असर दिखाया है। वहीं पौंग डैम से छोड़े पानी ने होशियारपुर, गुरदासपुर, कपूरथला के बाद अब अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर में भी असर डालना शुरू कर दिया है।

वहीं अमृतसर के ब्यास में नदी खतरे के निशान 744 गेज को छू चुकी है।  इसके साथ ही ब्यास नदी में पानी का बहाव 1। 40 लाख क्यूसेक आका जा रहा है। तो अमृतसर से आगे तरनतारन व फिरोजपुर में भी ब्यास का असर दिखने लगा है। इसके साथ ही तरनतारन में गांव धुंदा में धुस्सी बांध टूट गया है। जिससे 15 हजार एकड़ जमीन पानी में डूब गई है।

इधर गुरदासपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पर बटाला के SSP अश्विनी गोत्याल ने बताया कि, “पोंग बांध से पानी छोड़े जाने के कारण होशियारपुर, गुरदासपुर का बड़ा हिस्सा जलमग्न हो गया है। अब तक हमने लगभग 75 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया है। ” वहीं  गुरदासपुर क्षेत्र में बाढ़ जैसी स्थिति पर NDRF इंस्पेक्टर, संजय बिष्ट ने जानकारी दी कि, “मैं बचाव और निकासी के लिए 24 लोगों की एक टीम के साथ यहां आया हूं। प्रशासन हमें वहां-वहां तैनात कर रहा है जहां जरूरत है। ” 

जानकारी दें कि, पौंग बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद से ही गुरदासपुर जिले में ब्यास नदी ने लगभग 50 गांवों पर असर किया है। इस बाढ़ के चलते दीनानगर, गुरदासपुर और काहनूवान क्षेत्रों में लगभग 50 गांव अब जलमग्न हो गए हैं। जिनमें से लगभग 12 गांव विशेष रूप से गंभीर बाढ़ का फिलहाल सामना कर रहे हैं।