यह दोनों आपस में टकराने वाली ट्रेनों में सफर करेंगे।
नई दिल्ली, आज भारतीय रेलवे (Indian Railway) इतिहास रचने की तैयारी में है। आज भारतीय रेलवे की दो तेज रफ्तार ट्रेनें आपस में टकराने वाली हैं। आप सोच रहे होंगे कि यह कैसी खबर है। सिर्फ इतना ही नहीं, ट्रेनें तो टकराएंगी और उसमें मौजूद होंगे भारत के दो उच्च सरकारी पदों पर बैठे लोग – अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnav) और रेलवे बोर्ड के चेयरमैन। यह दोनों आपस में टकराने वाली ट्रेनों में सफर करेंगे।
बात यह है कि, रेलवे (Railway) आज स्वदेशी ट्रेन टक्कर सुरक्षा टेक्नोलॉजी ‘कवच’ (Technology Kavach) का सिकंदराबाद में परीक्षण करने वाला है। इसमें दो ट्रेनें पूरी रफ्तार के साथ एक दूसरे से टकराएंगी लेकिन ‘कवच’ के कारण ऐसा नहीं होगा। रेलवे अधिकारियों ने इस बात की जानकारी दी है। रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव सनतनगर-शंकरपल्ली मार्ग पर सिस्टम के परीक्षण का हिस्सा बनने के लिए सिकंदराबाद पहुंचेंगे।
On #NationalSafetyDay.. heading for LIVE testing of Kavach- automatic train protection technology. pic.twitter.com/M76DUBfcux
— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) March 4, 2022
नई टेक्नोलॉजी का परिक्षण
रेल मंत्रालय ने कई साल की रिसर्च के बाद ये टेक्नोलॉजी डेवलेप की है। भारतीय रेलवे द्वारा विकसित इस कवच टेक्नोलॉजी को दुनिया की सबसे सस्ती स्वचालित ट्रेन टक्कर सुरक्षा प्रणाली माना जा रहा है। ‘जीरो एक्सीडेंट’ के लक्ष्य को प्राप्त करने में यह टेक्नोलॉजी रेलवे की मदद करेगी। रेलवे अधिकारियों का कहना है कि लाल सिग्नल पार होते ही ट्रेन में अपने आप ब्रेक लग जाएगा। साथ ही, पांच किलोमीटर के दायरे में सभी ट्रेन बंद हो जाएंगी। इसके अलावा पीछे से आने वाली ट्रेन को भी कवच बचा लेगा।
चूक पर सिस्टम कर देगा अलर्ट
अधिकारियों के मुताबिक ड्राइवर से इसी प्रकार की चूक होने पर कवच पहले ऑडियो-वीडियो के माध्यम से अलर्ट करेगा। कोई रेस्पॉस नहीं होने पर ट्रेन में ऑटोमेटिक ब्रेक लग जाएंगे। इसके साथ ही ये सिस्टम ट्रेन को फिक्सड सेक्शन स्पीड से ज्यादा तेजी से नहीं चलने देगा। कवच में आरएफआईडी डिवाइस ट्रेन के इंजन के भीतर, सिग्नल सिस्टम, रेलवे स्टेशन पर लगाए जाएंगे। कवच टेक्नोलॉजी GPS, रेडियो फ्रीक्वेंसी जैसे सिस्टम पर काम करेगी।