नई दिल्ली: आम आदमी को फिर आरबीआई से झटका लगा है। बताना चाहते हैं कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने लगातार 10वीं बैठक में नीतिगत दरों (Policy Rates) को स्थिर रखने का फैसला किया है। कोरोना और नए वेरिएंट ओमीक्रोन के बीच यह फैसला आने वाले समय में अर्थव्यवस्था को लेकर कई तरह की चुनौतिया खड़ा कर सकता है।
ज्ञात हो कि आरबीआई ने रेपो रेट को चार फीसदी रखने का फैसला किया है। साथ ही रिवर्स रेपो दर भी 3.35 प्रतिशत के पुराने स्तर पर बरकरार रखा गया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि रेपो रेट बिना किसी बदलाव के साथ 4% रहेगा। रिवर्स रेपो रेट भी बिना किसी बदलाव के साथ 3.35% रहेगा।
Monetary Policy Committee (MPC) voted unanimously to keep the policy repo rate at 4% & the stance remains accommodative. MSF rate and bank rate remain unchanged at 4.25%. Reverse repo rate also remains unchanged at 3.35%: RBI Governor Shaktikanta Das following MPC meeting pic.twitter.com/6QzXO1DHBg
— ANI (@ANI) December 8, 2021
दास ने बताया कि 2021-22 में रियल जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 9.5% पर बनाए रखा गया है। उन्होंने कहा कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक(CPI) मुद्रास्फीति 2021-22 में 5.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है। हालांकि मौजूदा हालात के मद्देनजर एक्सपर्ट्स को पहले से ही अंदेशा था कि शक्तिकांत दास पिछली बार की तरह इस बार भी पॉलिसी रेट में कोई बदलाव नहीं करने वाले हैं। यह आरबीआई की एमपीसी की लगातार 10वीं बैठक है।