Road accident in Bundi Rajasthan four people died in same family
प्रतीकात्मक फोटो

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नई दिल्ली. सड़क हादसों के कारण भारत में हर साल 15 लाख लोगों की मौत हो जाती है और यह आंकड़ा इस तरह की दुर्घटना के कारण दुनियाभर में होने वाली कुल मौतों का 11 फीसदी है। एफआईसीसीआई(फिक्की)-ईवाई की ओर से मंगलवार को जारी रिपोर्ट में यह दावा किया गया है।

रिपोर्ट के मुताबिक दुनियाभर में हर 24 सेकंड में एक व्यक्ति की मौत सड़क दुर्घटना के दौरान चोट लगने के कारण होती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) के मुताबिक, सड़क दुर्घटना दुनियाभर में मौत का आठवां सबसे बड़ा कारण है। सड़क हादसों में प्रति वर्ष 1.3 अरब लोगों की मौत होती है और पांच करोड़ लोगों को गंभीर चोट आती है।

विश्व में सड़क दुर्घटनाएं 5 से 29 वर्ष की आयु के बच्चों और युवाओं की मौत का सबसे बड़ा कारण भी हैं। ‘रोड सेफ्टी इन इंडिया-नेविगेट थ्रू नुआंसेस’ नामक शीर्षक से जारी रिपोर्ट में कहा गया है, “सड़क हादसों में मौत के मामले में भारत पहले नंबर (दुनियाभर में सड़क दुर्घटना के कारण हुई कुल मौतों का 11 फीसदी) पर है। भारत में हर साल 15 लाख लोगों की सड़क हादसों में मौत हो जाती है… हर साल हम एस्तोनिया की आबादी के बराबर लोगों को गंवा देते हैं।”

भारत ‘ब्राजीलिया घोषणापत्र’ पर हस्ताक्षर करने वाले देशों में शामिल है जिसमें वर्ष 2030 तक वैश्विक तौर पर सड़क दुर्घटना में होने वाली मौतों और घायलों की संख्या को आधा करने का लक्ष्य है। यह रिपोर्ट राष्ट्रीय राजधानी में ओडिशा सरकार के परिवहन, जल संसाधन और वाणिज्य मंत्री तुकुनी साहू द्वारा जारी की गई।

‘फिक्की फोरम ऑफ पार्लियामेंटेरियंस’ के अध्यक्ष और सांसद राजीव प्रताप रूडी ने कहा, “सड़क सुरक्षा एक साझा जिम्मेदारी है और कॉरपोरेट, नीति निर्माताओं और नागरिकों एक एकजुट होकर सड़क दुर्घटनाओं और मौतों को कम करने में योगदान देना महत्वपूर्ण है।” (एजेंसी)