नई दिल्ली/रांची: झारखंड (Jharkhand) के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (Hemant Soren) को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) से बड़ा झटका लगा है। जमीन घोटाले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले (money laundering case) में ईडी द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ डाली गई याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई से इनकार कर दिया है। सोरेन ने प्रवर्तन निदेशालय (ED) द्वारा की गई उनकी गिरफ्तारी को चुनौती दी थी।
हाईकोर्ट जाने को कहा
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति एम.एम. सुंदरेश और न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की पीठ ने सोरेन की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ताओं कपिल सिब्बल और अभिषेक सिंघवी से राहत के लिए उच्च न्यायालय जाने को कहा। उच्चतम न्यायालय ने धन शोधन मामले में झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की याचिका पर हस्तक्षेप करने से शुक्रवार को इनकार कर दिया।
सुनियोजित साजिश का आरोप
अपनी गिरफ्तारी की आशंका के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने वाले झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) नेता हेमंत सोरेन ने शीर्ष अदालत के समक्ष अपनी याचिका में प्रवर्तन निदेशालय (ED) पर उन्हें सुनियोजित साजिश के तहत गिरफ्तार करने का आरोप लगाया था। उन्होंने याचिका में कहा था कि अब से कुछ महीनों बाद होने वाले लोकसभा चुनावों से पहले केंद्र के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई।
31 जनवरी को हुई थी गिरफ्तारी
शीर्ष अदालत के समक्ष दायर याचिका में सोरेन ने उनकी गिरफ्तारी को अनुचित, मनमाना और उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन घोषित करने का आग्रह किया था। बता दें कि सोरेन को 31 जनवरी को भूखंड के अवैध कब्जे और भूमि माफिया के साथ कथित संबंध से जुड़े धन शोधन मामले में गिरफ्तार किया गया था। रांची की एक विशेष पीएमएलए अदालत ने उन्हें गुरुवार को एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। जेएमएम नेता हेमंत सोरेन ने अपनी गिरफ्तारी की आशंका के कारण झारखंड के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।