नई दिल्ली/इंदौर: सुल्ली डील मामले (Sulli Deals) में आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर (Omkareshwar Thakur) के पिता ने दावा किया कि उनके बेटे को इस मामले में फंसाया जा रहा है। उन्होंने ने कहा कि केवल एक व्यक्ति के बयान के आधार पर मेरे आईटी विशेषज्ञ बेटे को गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाया गया है। बता दें कि, दिल्ली पुलिस ने ‘सुल्ली डील्स’ ऐप बनाने के आरोप में ओंकारेश्वर ठाकुर को मध्य प्रदेश के इंदौर से गिरफ्तार किया है। उस पर आरोप है की वह इस मामले का मास्टरमाइंड है।
ओंकारेश्वर ठाकुर की गिरफ्तारी के बाद उसके पिता अखिलेश ठाकुर ने इंदौर में मीडिया से बात करते हुए कहा कि, ‘‘मुझे पता चला है कि केवल एक व्यक्ति के बयान के आधार पर मेरे आईटी विशेषज्ञ बेटे को गिरफ्तार कर दिल्ली ले जाया गया है। साथ ही उसका मोबाइल और लैपटॉप भी ले गए हैं। मेरे बेटे को फंसाया जा रहा है और उसे बदनाम किया जा रहा है।”
Indore | 2 officers took Aumkareshwar along with his laptop & phone. Later he called me to inform that he is being taken to Delhi. He is a web designer by profession & is being falsely accused. I will meet the officials in Delhi: Aumkareshwar's father Akhilesh Thakur pic.twitter.com/lubiQ1I7Cw
— ANI (@ANI) January 9, 2022
उल्लेखनीय है कि, पुलिस ने ‘सुल्ली डील्स’ ऐप मामले में पहली गिरफ्तारी की है। बता दें कि, इस ऐप के जरिए सैकड़ों मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को बिना उनकी मंजूरी के इस मोबाइल ऐप्लीकेशन (ऐप) पर ‘नीलामी’ के लिए डाला गया था। पुलिस अधिकारी ने बताया कि, आरोपी ओंकारेश्वर ठाकुर (26) ने इंदौर स्थित आईपीएस अकादमी से बीसीए किया है और वह न्यूयॉर्क सिटी टाउनशिप का निवासी है। दिल्ली के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के पी एस मल्होत्रा ने बताया कि शुरुआती पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया है कि वह ट्विटर पर उस समूह का सदस्य है, जिसमें मुस्लिम महिलाओं को बदनाम करने और ‘ट्रोल’ के लिए विचारों को साझा किया जाता है।
अधिकारी ने बताया, ‘‘उसने गिटहब पर कोड विकसित किया। गिटहब तक समूह के सभी सदस्यों की पहुंच थी। उसने अपने ट्विटर अकाउंट पर ऐप को साझा किया था। मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरों को समूह के सदस्यों ने अपलोड किया था।” जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपी ‘एट द रेट गैंगेसियन’ हैंडल का उपयोग करके जनवरी 2020 में ‘ट्रेडमहासभा’ के नाम से ट्विटर पर समूह में शामिल हुआ था। पुलिस ने बताया कि समूह पर विभिन्न प्रकार की चर्चाओं के दौरान सदस्यों ने मुस्लिम महिलाओं को ट्रोल करने को लेकर चर्चा की।
डीसीपी ने कहा, ‘‘उसने (आरोपी ने) स्वीकार किया कि उसने गिटहब पर कोड/ऐप बनाया। सुल्ली डील्स ऐप को लेकर हुए हंगामे के बाद उसने सोशल मीडिया से इससे जुड़ी सभी सामग्री हटा दी थी।” दिल्ली पुलिस ने बताया कि ऐप से जुड़े कोड/तस्वीरों का पता लगाने के लिए तकनीकी उपकरणों की जांच की जा रही है। दिल्ली पुलिस के साइबर प्रकोष्ठ को अज्ञात लोगों द्वारा एक ऐप पर मुस्लिम महिलाओं की तस्वीरें अपलोड किए जाने की शिकायत मिली थी, जिसके बाद उसने इस संबंध में मामला दर्ज किया था।