RAVI SHANKAR PRASAD
Photo: @ANI/Twitter

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कोलकाता: भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ( Ravi Shankar Prasad ) ने पंचायत चुनावों के दौरान ‘आतंक की खुली छूट’ देने के लिए बुधवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी (CM Mamata Banerjee) की आलोचना की और आश्चर्य जताया कि कांग्रेस तथा वाम दलों का केंद्रीय नेतृत्व इस पर चुप क्यों है। पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रसाद के नेतृत्व में बंगाल के लिए भाजपा के चार-सदस्यीय तथ्यान्वेषी दल ने कहा कि अनुच्छेद 355 लागू करने की प्रदेश भाजपा इकाई की मांग ‘उचित’ है।

उन्होंने कहा, “जब ममता जी ने राज्य में 34 साल पुराने वामपंथी शासन को हराया था तो हमारे मन में उनके लिए बहुत सम्मान था। आज, मैं ममता जी को बंगाल और राष्ट्रीय राजनीति में उनके विकास के बारे में विनम्रता पूर्वक याद दिलाना चाहता हूं। वह जुझारू थीं, लेकिन दुर्भाग्य से उनकी सरकार ने राज्य में कुशासन, अराजकता और अव्यवस्था के मामले में वामपंथियों के रिकॉर्ड को भी पीछे छोड़ दिया है।”

भाजपा नेता ने संवाददाताओं से कहा, “उनकी (ममता बनर्जी) राजनीति अब अत्याचारों से भरी है, जो वाम शासन के दौरान भी इतनी स्पष्ट नहीं थी।” उन्होंने कहा, “इतने सारे लोग क्यों मारे जा रहे हैं? पूरे राज्य में इतनी हिंसा क्यों? क्या स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव सुनिश्चित करना राज्य प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है? एक समय यही स्थिति बिहार की थी, लेकिन वह राज्य भी अब आगे बढ़ चुका है। ममता बनर्जी ने बंगाल में लोकतंत्र को शर्मसार किया है।”

प्रसाद ने पटना में विपक्ष की हालिया बैठक पर निशाना साधते हुए आश्चर्य जताया कि माकपा और कांग्रेस के नेता चल रही हिंसा पर चुप क्यों हैं। उन्होंने पूछा, “ममता बनर्जी सहित विपक्षी दल इस बात पर मुखर थे कि भाजपा देश में लोकतंत्र के लिए खतरा है। मैं कांग्रेस नेता राहुल गांधी और मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता सीताराम येचुरी से पश्चिम बंगाल में हुई हत्याओं पर उनकी चुप्पी के लिए पूछना चाहता हूं। यहां तक कि उनकी पार्टी के कार्यकर्ताओं को भी पीटा जा रहा है, तो वे चुप क्यों हैं?”

प्रसाद ने पंचायत चुनावों में पार्टी की जीत के बारे में बनर्जी की सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर तणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख का मजाक उड़ाया और आश्चर्य जताया कि क्या मुख्यमंत्री “मीडिया का सामना करने से डरती हैं”। उन्होंने कहा, “वह जरा सी बात पर संवाददाता सम्मेलन आयोजित करती हैं। इस बार उन्होंने मीडिया से बातचीत करने से परहेज किया है, क्योंकि वह हिंसा और रक्तरंजित पंचायत चुनावों के पीछे की सच्चाई जानती हैं।”

बिहार के पटना से भाजपा सांसद ने उम्मीद जताई कि तथ्यान्वेषी दल को राज्य के हिंसा-प्रभावित इलाकों का दौरा करने की अनुमति दी जाएगी। पश्चिम बंगाल में अनुच्छेद 355 लागू करने की भाजपा नेता की मांग पर टिप्पणी मांगे जाने पर पूर्व केंद्रीय कानून मंत्री ने कहा, “अनुच्छेद 355 कहता है कि केंद्र को राज्य सरकार को यह बताना चाहिए कि शासन संविधान के आदेश के अनुसार किया जाता है।” उन्होंने कहा, “केंद्र राज्यपाल की रिपोर्ट पर गौर करेगा और फिर उसके अनुसार फैसला करेगा, लेकिन प्रदेश भाजपा इकाई की मांग उचित है।”

पश्चिम बंगाल में आठ जुलाई को हुए पंचायत चुनाव में व्यापक पैमाने पर हिंसा हुई थी, जिसमें 15 लोगों की मौत हो गयी। राज्य में आठ जून को चुनाव प्रक्रिया शुरू होने के बाद से हुई हिंसा में कम से कम 33 लोगों की जान जा चुकी है। मरने वालों में 60 प्रतिशत सत्ताधारी दल के सदस्य थे।  राज्य की सत्ताधारी टीएमसी ने तथ्यान्वेषी दल का मखौल उड़ाते हुए कहा कि यह भाजपा की शर्मनाक हार से ध्यान हटाने का तरीका है। टीएमसी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा को) तथ्यान्वेषी दल को मणिपुर भेजना चाहिए था, जहां पिछले दो महीने से हिंसा भड़की है। भाजपा के तथ्यान्वेषी दल के पश्चिम बंगाल आने का मकसद उसकी संगठनात्मक विफलताओं से ध्यान हटाना है।”

तृणमूल कांग्रेस लगातार तीसरी बार पंचायत चुनाव में भारी जीत की ओर बढ़ रही है। अभी तक आए परिणामों में उसने अजेय बढ़त हासिल कर ली है। बनर्जी के मीडिया का सामना न करने के बारे में प्रसाद के तंज पर टीएमसी नेतृत्व ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और पूछा कि पिछले दस वर्षों में भाजपा नेताओं ने कितनी प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित किया है।

टीएमसी प्रवक्ता देवांशु भट्टाचार्य ने ट्वीट किया, “भाजपा के रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, ‘ममता दीदी मीडिया का सामना क्यों नहीं कर रही हैं’! मैं अपनी हंसी नहीं रोक पा रहा हूं! संवाददाता सम्मेलन के बारे में कौन कह रहा है? जिसके नेता ने पिछले नौ साल में कभी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। जबकि, प्रशासन प्रमुख के रूप में पीसी करने में दीदी शायद भारत में शीर्ष पर हैं।”