
नई दिल्ली: महाराष्ट्र (Maharashtra) के पूर्व मुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadanvis) ने सामने आए ट्रांसफर कांड (Transfer Scam) को लेकर मंगलवार को केंद्रीय गृह सचिव (Central Home Security) अजय भल्ला से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने बंद लिफाफे में इस मामले से जुड़े सबूत सौपे दिया है। इस दौरान उन्होंने मामले की जांच सीबीआई (CBI) से कराने की मांग की है।
मुलाकात के बाद बाहर निकले फडणवीस ने कहा, “मैंने सीलबंद लिफाफे में केंद्रीय गृह सचिव को सभी साक्ष्य दिए। मैंने सीबीआई जांच की मांग की है। उन्होंने मुझे आश्वासन दिया कि वह इस पर गौर करेंगे और सरकार उचित कार्रवाई करेगी। मामले को कालीन के नीचे क्यों रखा गया? राज्य सरकार ने कुछ क्यों नहीं किया? वे किसकी रक्षा करना चाहते थे?”
I gave all evidence to Union Home Secy, in a sealed envelope. I’ve demanded CBI inquiry. He assured me he’ll look into it & govt will take appropriate action. Why was the matter brushed under carpet? Why did state govt do nothing? Whom did they want to protect?: Devendra Fadnavis pic.twitter.com/2AgiAhwF7h
— ANI (@ANI) March 23, 2021
दरअसल, सुबह फडणवीस ने आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाविकास अघाड़ी सरकार पर बड़ा आरोप लगाया। उन्होंने राज्य सीआईडी की डीजी रही रश्मि शुक्ल की उस पत्र का हवाल दिया, जिसमें उन्होंने राज्य के अंदर ट्रांसफर स्कैम का उजागर किया था, जिसके जांच रिपोर्ट उन्होंने तत्कालीन डीजीपी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को जांच रिपोर्ट सौंपी थी।
फडणवीस ने दावा किया कि, “रश्मि शुक्ला ने 25 अगस्त 2020 को तत्कालीन डीजीपी और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे हो पत्र लिखा था, जिसमें उन्होंने राज्य के अंदर हो रहे ट्रांसफर रैकेट का खुलासा किया था। अपने पत्र में उन्होंने कई नेताओं और अधिकारीयों की मिलीभगत का भी खुलासा किया था।”
भाजपा नेता ने कहा, “ट्रांसफर का रैकेट कमिश्नर ऑफ इंटेलिजेंस ने पकड़ा, पकड़ने से पहले DG और ACS होम की अनुमति ली और मुख्यमंत्री तक रिपोर्ट पहुंचाई। अब तक रिपोर्ट पर कार्रवाई नहीं की गई। आखिर किसके इशारे पर यह किया गया।
परमबीर की याचिका पर कल सुनवाई
मुंबई के पूर्व कमिश्नर और होम गार्ड डीजी परमबीर सिंह द्वारा दायर याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय कल बुधवार को सुनवाई करेगी। अपनी याचिका में सिंह नेजिसमें महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की कथित भ्रष्ट प्रथाओं की सीबीआई जांच की मांग की गई थी। साथ ही अपनी याचिका में सिंह ने उनके स्थानांतरण आदेश को भी चुनौती दी है।