वसुंधरा राजे सिंधिया
वसुंधरा राजे सिंधिया

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने भले ही राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा का चुनाव भारी बहुमत से जीत लिया है, लेकिन अभी भी पार्टी को मुख्यमंत्री के चेहरों को लेकर सस्पेंस बनाए रखा है। तीनों राज्यों में पुराने दिग्गज नेताओं और नए और युवा चेहरों के बीच अटकलबाजी का सिलसिला जारी है। तीनों राज्यों में पूर्व मुख्यमंत्रियों के साथ साथ कई दिग्गज नेता अपने आप को सीएम के रूप में देखना चाहते हैं। वहीं पार्टी शायद पुराने चेहरों के बजाय नए लोगों को आगे बढ़ाने के मूड में दिखायी दे रही है।

इस बीच मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए सबसे ज्यादा खींचतान राजस्थान में बनी हुई है। राजस्थान में ‘रिसॉर्ट पॉलिटिक्स’ की एक नई बात सामने आई है, जहां पर एक पूर्व विधायक ने अपने बेटे को रोके जाने को लेकर एक बड़ा आरोप लगाया है।

राजस्थान से मिली जानकारी में बताया जा रहा है कि मुख्यमंत्री बनने की रेस में अपने आप को आगे करने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे और उनके बेटे सांसद दुष्यंत सिंह ने विधायकों को राजस्थान के एक रिसॉर्ट में ‘कैद’ कर लिया है। 

Vasundhara Raje
वसुंधरा राजे सिंधिया

भारतीय जनता पार्टी के पूर्व विधायक हेमराज मीणा ने आरोप लगाते हुए कहा है कि उनके बेटे और पार्टी के विधायक ललित मीणा को पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे और सांसद दुष्यंत सिंह ने अन्य विधायकों के साथ राजस्थान के एक रिसॉर्ट में कैद कर लिया है।

 हेमराज मीणा ने कहा कि दुष्यंत सिंह ने बीजेपी के 5 विधायकों को ‘आपणों राजस्थान’ रिजॉर्ट रखवाया था। वहां मौजूद लोग उनको घर ले जाने नहीं दे रहे थे। जयपुर में सीकर रोड पर स्थित रिसॉर्ट में ऐसी घटना की शिकायत राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह और और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी को दे दी। साथ मामले को संगठन महामंत्री चंद्रशेखर के संज्ञान में लाया।  

 हेमराज मीणा के द्वारा किए जा रहे दावे के मुताबिक वहां पर झालावाड़ के 3 और बारां के 2 विधायकों को रखा गया था। हेमराज मीणा ने बताया कि जब उनको पता चला तो वह अपने विधायक बेटे को ले जाने के लिए वहां गए तो वहां मौजूद विधायक कंवरलाल ने कहा कि दुष्यंत सिंह से बात कराओ तभी विधायक को वापस ले जाने दूंगा। लेकिन दुष्यंत से फोन पर बात नहीं हो पा रही थी। इसीलिए वे लोग झगड़े पर उतारू हो गये। फिर हमने राजस्थान के प्रभारी अरुण सिंह और और बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सीपी जोशी और संगठन महामंत्री चंद्रशेखर को सूचना देकर मामले को संभालने की कोशिश की।