Taking away the copy of the statement from the hands of the minister, waving its pieces in the air is an attack on parliamentary democracy: Naidu

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     नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ( M Venkaiah Naidu) ने रविवार को कहा कि प्राचीन गुरुकुल शिक्षा व्यवस्था ( Gurukul system ) ने व्यक्तियों के समग्र और सर्वांगीण विकास में उल्लेखनीय भूमिका निभाई है। नायडू ने शनिवार को हरिद्वार में देव संस्कृति विश्वविद्यालय के अपने दौरे का जिक्र करते हुए एक फेसबुक पोस्ट में यह लिखा। उन्होंने कहा कि आध्यात्मिक नेता और आधुनिक भारत के समाज सुधारक श्रीराम शर्मा आचार्य की दूरदर्शिता से प्रेरित यह विश्वविद्यालय उच्च शिक्षा का एक गैर-पारंपरिक केंद्र है।

    उपराष्ट्रपति ने कहा, ‘‘लगभग 1500 पूर्णकालिक आवासीय छात्रों और शोधकर्ताओं के साथ, विश्वविद्यालय सामुदायिक जीवन के लिए गुरुकुल के समान व्यवस्था को अपना रहा है।” उन्होंने फेसबुक पर पोस्ट किया, ‘‘संस्थान आध्यात्मिक शिक्षा के साथ व्यावहारिक ज्ञान को जोड़कर समग्र शिक्षा के लिए समर्पित है और प्रत्येक छात्र को पठन-पाठन का व्यापक अनुभव प्रदान करता है।”

    उपराष्ट्रपति ने कहा कि वह व्यक्तियों के समग्र और सर्वांगीण विकास में प्राचीन गुरुकुल व्यवस्था द्वारा निभाई गई उल्लेखनीय भूमिका से अवगत हुए। नायडू ने कहा कि उन्हें यह जानकर भी खुशी हुई कि विश्वविद्यालय और गायत्री परिवार जातिवाद और लैंगिक भेदभाव जैसी सामाजिक बुराइयों के खिलाफ लड़ने और जनता के बीच राष्ट्रवाद को बढ़ावा देने के लिए संगीत और लोक गीतों का उपयोग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की अपनी गौशाला भी है, जिसमें देशी नस्लों की 300 से अधिक गायें हैं।

    स्वावलंबन केंद्र आधुनिक और वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग करके गाय से जुड़े विभिन्न उत्पादों का उत्पादन करता है। नायडू ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि गांधी जी के ग्रामोद्योग अवधारणा के अनुरूप इस तरह की पहल किसानों को आय का एक वैकल्पिक स्रोत प्रदान कर सकती है।(एजेंसी)