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    नई दिल्ली. आज जहाँ एक तरफ देश (India) में पेट्रोल-डीजल के दाम (Petrol-Diesel Rates) में दूसरे दिन भी बढ़ोतरी देखी गई है। इसके साथ ही बीते 137 दिनों के बाद एक बार फिर तेलों के दाम में इजाफा देखा गया। तब पेट्रोल-डीजल के दाम में 80-80 पैसे का इजाफा किया गया था। वहीं आज एक बार फिर पेट्रोल-डीजल  के दाम में 80 पैसे बढ़ चुके हैं। 

    जानें प्रमुख महानगरों में आज पेट्रोल-डीजल की कीमतें:  

    आज दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में एक लीटर पेट्रोल और डीजल की कीमतें इस प्रकार से हैं।

    शहर

    पेट्रोल

    डीजल

    दिल्ली

    97.01

    88.27

    मुंबई

    111.67

    95.85

    कोलकाता

    106.34

    91.42

    चेन्नई

    102.91

    92.95

     

     आखिर 100 रूपए के पेट्रोल पर कितना टैक्स चूका रहे हैं आप 

    वैसे तो हम जानते ही हैं ही केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही पेट्रोल और डीजल पर टैक्स वसूलती हैं। जिसमे केंद्र केंद्रीय उत्पाद शुल्क और राज्य अपने वैट की दरें इसमें संग्लग्न करता है। फिर भी क्या आपने सोचा है कि 100 रूपए के पेट्रोल पर आप कितना टैक्स चूका रहे हैं। आइये इसे ऊपर दिए गए ग्राफ़िक के द्वारा सिलसिलेवार समझें। 

    इसीलिए बढ़ जाती है तेल की कीमत

    वैसे तो पेट्रोल और डीजल के इतने महंगे होने के पीछे कई तरह के कारण बताए जा रहे हैं। इसमें अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतें, डॉलर के मुकाबले भारतीय मुद्रा रुपये की वैल्यू वगैरह तो दीगर कारण हैं ही।लेकिन क्या आप जानते हैं कि पेट्रोल पंपों पर करीब 100 रुपये के ऊपर  मिलने वाला पेट्रोल का भाव टैक्स और चार्जेस लगाने से पहले करीब 44 रुपये ही है। वहीं डीजल की कीमत भी 45-46 रुपये के करीब है। यह इसकी बस बेस प्राइस होती है।

    केंद्र और राज्य सरकार..दोनों ही वसूलते हैं तेल पर टैक्स

    बता दें कि, पेट्रोल-डीजल की कीमत में इस पर लगने वाले टैक्स (Tax on Fuel) और चार्जेस की बड़ी भूमिका है। वहीं इस पर केंद्र और राज्य सरकार दोनों ही पेट्रोल और डीजल पर टैक्स वसूलती हैं। इसके अलावा फ्रेट, डीलर चार्ज और डीलर कमीशन भी इसकी कीमत में शामिल होता है। इन सब को पेट्रोल और डीजल के बेस प्राइस में जोड़ देने के बाद यह बढ़ी हुई रिटेल कीमत सामने आती है।

    हालाँकि पेट्रोल और डीजल पर केंद्र सरकार केंद्रीय उत्पाद शुल्क वसूलती है, जो कि पूरे देश में एक समान है। वहीं इन पर लगाए जाने वाले वैट की दरें अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग चिन्हित होती हैं।