तिरुपति बालाजी मंदिर से जुड़ें है अद्भुत रहस्य

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दुनिया में ऐसे बहुत से प्रसिद मंदिर है, जो अपने- आप में कई  राज और  रहस्य समेटे हुए हैं। उन्हीं में से एक है दुनियाभर में अपनी खासियतों के लिए मशहूर भगवान विष्णु का तिरुपति बालाजी मंदिर। गरीब हो या अमीर, भगवान तिरुपति के दरबार में हर कोई सच्‍ची श्रद्धा से सिर झुकाता है। माना जाता है कि यहां भक्तों की हर मनोकामना पूरी होती है इससे मन कि शांति मिलती है इस लिए यहाँ हर साल लाखो लोग अपनी मनोकामना ले कर आते है

ऐसा कहा जाता है कि मंदिर में जो भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी की मूर्ति रखी गई है, उसके बाल असली है। यही नहीं, वेंकटेश्‍वर स्‍वामी के मुलायम बाल कभी उलझते भी नहीं। ऐसा इसलिए क्योंकि भगवान यहां वास करते हैं। और अपना दिव्य रूप दिखाते है  

लोगो का मानना  है कि समुद्र की लहरों की ध्‍वनि सुनाई देती है कहा जाता है कि भगवान वेंकटेश स्वामी यहां वास करते हैं। यही नहीं, अगर भक्तजन मूर्ति पर कान लगाकर सुनें तो उसमें से समुद्र की लहरों की आवाज भी सुनाई देती हैं। यही नहीं, भगवान की मूर्ति भी हमेशा नम (गीला ) रहती है।

छड़ी की अद्भुत रहस्य- मंदिर में प्रवेश करते समय मुख्य द्वार के दाईं तरफ आप एक छड़ी देखेंगे। माना गया  है कि भगवान बालाजी की माता ने इसी छड़ी से उनकी पिटाई की थी, जिससे उनकी ठुड्डी पर चोट  लगी थी। इसलिए उनके घाव के लिए आज तक हर शुक्रवार उनकी ठुड्डी पर चंदन की लेप लगाई जाती  है

जानिए क्यों लगाई जाती है  पचाई कपूर मूर्ति पर ?

बालाजी की मूर्ति पर पचाई कपूर ही लगाया जाता है क्यों की पचाई कपूर में ऐसे तत्व होते हैं, जिसे अगर किसी भी पत्थर पर लगाया जाए तो वह कुछ समय में ही चटक जायेगा  मगर, भगवान वेंकटेश्‍वर स्‍वामी की मूर्ति पर इसका कोई भी असर नहीं होता है

एक और रहस्य वाली बात यह है की मंदिर में जलता दीया कभी नहीं बुझता-

भगवान बालाजी के मंदिर में एक दीया ऐसा है, जिसमें कभी भी तेल और घी नहीं डाला जाता। फिर भी वह हमेशा जलता रहता है और कभी नहीं बुझता। इस बात की भी कोई जानकारी नहीं है कि दीया किसने और कब जलाया था। ये बात आज तक रहस्यमय बनी हुई है !

-सीमा कुमारी