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इंटरमिटेंट फास्टिंग (कांसेप्ट फोटो)

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नवभारत डेस्क : आज के दौड़ भाग वाले समय में लोग फास्ट फूड और बाहर के खाने पर ज्यादा भरोसा करते हैं, लेकिन यह खाना आपको तरह तरह की समस्याएं भी देता है। बाहरी जंक फूड आपके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं माना जाता है।  ये आपके शरीर के लिए तरह-तरह की बीमारियां भी पैदा कर सकता है। इसीलिए जो लोग अपनी ऐसी आदतों से परेशान हैं वे धीरे-धीरे उनको कंट्रोल करने के लिए तरह-तरह के उपाय खोज रहे हैं। इनमें से एक उपाय इंटरमिटेंट फास्टिंग (Intermittent Fasting) का बताया जाता है, जिसको फॉलो करने से एक ओर आप भूख पर कंट्रोल कर सकते हैं, तो वहीं दूसरी ओर आप अपना वजन भी नियंत्रित कर सकते हैं। यह एक ऐसा प्रभावी तरीका है, जिसमें आप कुछ समय तक फास्टिंग करते हैं और उसके बाद एक नियमित अंतराल पर ही भोजन करते हैं। कुछ देर बाद यही साइकिल फिर से दोहराई जाती है।

 डाइटिशियन और चिकित्सकों का मानना है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से भूख का हार्मोन घटता है और मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। धीरे-धीरे इसकी वजह से आप अपने वजन पर नियंत्रण पाने में सफल हो जाते हैं। यह तरीका आहार और कैलोरी के इनटेक पर नियंत्रण रखकर वजन कम करने में काफी मददगार है। इसलिए आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि इंटरमिटेंट फास्टिंग कैसे कर सकते हैं और इससे कौन-कौन से फायदे आपको हो सकते हैं।

अगर आप पेट की तकलीफों के साथ-साथ अपच की समस्या, नींद में कमी, अक्सर खराब होते मूड को ठीक करने की कोशिश करना चाहते हैं तो उसके लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग एक कारगर उपाय हो सकता है। इसमें भोजन का दैनिक कार्यक्रम 10 घंटे के भीतर सीमित करना होता है और पूरे 24 घंटे के दिनचर्या में 14 घंटे बिना कुछ खाए पीए रहने की कोशिश करनी होती है। यदि आप सुबह का भोजन 9 बजे करते हैं तो शाम का भोजन 7 के पहले खत्म कर लेना चाहिए और इसके बाद अगले दिन सुबह 9:00 बजे तक इंटरमीडिएट फास्टिंग का रूल फॉलो करें। ऐसा करने से आप तमाम तरह की समस्याओं से अपने आप को बचा सकते हैं।

Intermittent Fasting, Health Tips, Food Habbits, Junk Foods

इंटरमिटेंट फास्टिंग 
इंटरमिटेंट फास्टिंग के तरीके
इंटरमिटेंट फास्टिंग के टिप्स
इंटरमिटेंट फास्टिंग की ताजा रिसर्च
इंटरमिटेंट फास्टिंग (कांसेप्ट फोटो)

इंटरमिटेंट फास्टिंग की ताजा रिसर्च (Latest research on Intermittent Fasting ) 
 यूरोपियन न्यूट्रिशन कॉन्फ्रेंस में किंग्स कॉलेज लंदन की ओर से एक अध्ययन प्रस्तुत किया गया था, जिसमें बताया जाता है कि 14 घंटे का उपवास कई तरह के फायदे देता है। इस दौरान 37,545 लोगों पर अध्ययन किया गया। उनको पहले 10 घंटे तक भोजन का पैटर्न फॉलो कराया गया और उसके बाद अगले 14 घंटे में उन्हें व्रत रखने की सलाह दी गई।

शोधकर्ताओं ने बताया कि सभी लोगों ने यह तरीका लगभग दो सप्ताह तक फॉलो किया। उसके बाद इसका असर उनको दिखाई देने लगा। उनकी नींद, भूख तथा मूड अपसेट होने जैसी समस्याओं में बेहतर रिस्पांस मिलने लगा। इसके बाद अगले दो सप्ताह तक उन्हें फिर यही प्रक्रिया दोहराने को कही गई, जिससे उनके अंदर तमाम तरह की पॉजिटिव चीजें दिखाई दीं।

इंटरमिटेंट फास्टिंग के तरीके (Intermittent Fasting Methods)
इंटरमिटेंट फास्टिंग के कई तरीके हैं, जिनको आप अपनी सुविधा के अनुसार अपना सकते हैं…

16:8 टाइप इंटरमिटेंट फास्टिंग 
16:8 टाइप इंटरमिटेंट फास्टिंग अब धीरे धीरे लोगों में बहुत ज्यादा लोकप्रिय होने लगी है। इंटरमिटेंट फास्टिंग करने का तरीका बड़ा ही आसान है। इसका मतलब ये होता है कि 16 घंटे का फास्ट और अगले 8 घंटे आपके खाने-पीने के लिए फिक्स हैं। 16 घंटे की फास्टिंग के समय खाद्य पदार्थ लेने से बचना होता है। इस दौरान आपको ठोस आहार की जगह केवल पानी, चाय, कॉफी या नींबू पानी जैसे लिक्विड आइटम लेने की परमीशन होती है। इस दौरान अगर आपको भूख महसूस हो तो आप कोई हेल्दी लिक्विड भी ले सकते हैं। यह साइकिल एक बार शुरू करने के बाद अगर कुछ हफ्तों तक दोहराई जाय तो आपको फायदा दिखने लगता है। कहते हैं कि 16 घंटे के फास्ट से शरीर में किटोसिस बढ़ता है, जिससे आपको अपना वजन घटाने में मदद मिलती है।

 

5:2 टाइप इंटरमिटेंट फास्टिंग
5:2 टाइप इंटरमिटेंट फास्टिंग मतलब है कि आपको सप्ताह में 5 दिन तो सामान्य खाना खाना है, लेकिन अगले 2 दिन आपको फास्टिंग करनी होगी। इसके लिए 5 दिन आप अपनी पसंद का कोई भी खाना खा सकते हैं, जिसको लेकर कोई पाबंदी नहीं होगी, लेकिन अगले 2 दिन आपको केवल सब्जियां, दूध व दलिया जैसा कम कैलोरी वाला खाना पड़ेगा।  2 दिन के फास्टिंग वाले पैटर्न में आपको  500-600 कैलोरीज तक का ही खाना लेना होता है। इस दौरान आपको अधिक से अधिक पानी का सेवन करने के लिए कहा जाता है। यह रूटीन हफ्ते में 2 दिन की जा सकती है। 5:2 टाइप इंटरमिटेंट फास्टिंग से मेटाबॉलिज्म बढ़ता है और वजन कंट्रोल रहता है।

 

अल्टरनेट डे इंटरमिटेंट फास्टिंग
अल्टरनेट डे इंटरमिटेंट फास्टिंग के फॉर्मूले में आपको एक दिन भोजन करने को मिलता है और अगले दिन फास्टिंग करने को कहा जाता है। इस दौरान फास्टिंग और नॉन-फास्टिंग पैटर्न फॉलो करना होता है। इस रूटीन में एक दिन फास्टिंग होती है और अगले दिन सामान्य आहार लेने के लिए कहा जाता है। फास्टिंग वाले दिन 500-600 कैलोरीज तक का खाना ले सकते हैं। लेकिन नॉन-फास्टिंग वाले दिन सामान्य खान-पान का तरीका अपनाया जाता है। इस रूटीन को एक सप्ताह या महीने भर जारी रखने पर आपको परिवर्तन दिखेगा और यह तरीका आपके भूख हार्मोन को कंट्रोल करने में मददगार बन जाता है। इससे आपको अपना वजन घटाने में भी मदद मिलती है।  

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इंटरमिटेंट फास्टिंग 
इंटरमिटेंट फास्टिंग के तरीके
इंटरमिटेंट फास्टिंग के टिप्स
इंटरमिटेंट फास्टिंग की ताजा रिसर्च
इंटरमिटेंट फास्टिंग (कांसेप्ट फोटो)

 डाइट में इन चीजों को करें शामिल

  • फल और सब्जियां, साबुत अनाज जैसे दलिया, ब्राउन राइस, ओट्स और जौ जैसे खाद्य पदार्थ।
  • प्रोटीन स्रोत वाली चीजों में पोल्ट्री, मछली, बीन्स, दाल, टोफू, नट्स, बीज, कम वसा वाले पनीर और अंडे का सेवन किया जा सकता है।
  • वसायुक्त मछली, जैतून, जैतून का तेल, नारियल, एवोकाडो, नट जैसी चीजें भी आहार का हिस्सा बनाएं।
  • खाने पीने साबुत अनाज की मात्रा बढ़ा लें, क्योंकि इसमें उच्च फाइबर होता है। साबुत अनाज आपकी भूख को मिटाते हैं। हेल्दी वसा और प्रोटीन का भी सेवन करते रहना चाहिए। 
  • इस रूटीन को फॉलो करने वाले लोगों को दिन भर में कम से कम 3 से 4 लीटर पानी का सेवन जरूर करना चाहिए।
  • अगर आपको जरूरत लगे तो दिनभर में एक बार हर्बल दालचीनी वाली चाय या कॉफी का सेवन भी कर सकते हैं, जिससे भूख कम लगती है।

ध्यान देने वाली बातें
 इस दौरान बताया जाता है कि अगर आप इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं तो कुछ बातों का ध्यान भी रखना जरूरी होता है..

  1. आपको पर्याप्त मात्रा में हरी और ताजी सब्जियां और फल खाने की कोशिश करनी चाहिए।
  2.  भोजन करते समय जरूर से ज्यादा अर्थात् ओवर ईटिंग की आदत से बचना चाहिए।
  3.  अगर आप शुगर के पेशेंट है तो भू्खे रहने के दौरान अपना शुगर जरूर चेक करें, ताकि कोई अन्य तरह की परेशानी ना हो।