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क्या होती है बायोलॉजिकल घड़ी (google)

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नवभारत डिजिटल टीम : बदलते तापमान के साथ फिर से कड़ाके की ठंड ( Winter Season) ने कंपकंपाने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में ठंड बढ़ने से सेहत पर इसका असर तेज पड़ता है। शरीर की बायोलॉजिकल घड़ी (Biological Clock) भी इस ठंड के मौसम में गड़बड़ा रही है। इसका असर यह हो रहा है कि अब कई प्रकार की बीमारियां और स्वास्थ्य (Health Effect) पर बुरा असर पड़ रहा है। क्या आपने सोचा है कभी आपके शरीर में बायोलॉजिकल घड़ी कैसे काम करती है और जब इसका समय बिगड़ जाए तो इसे सही कैसे कर सकते है।

क्या होती है बायोलॉजिकल घड़ी

यहां पर बायोलॉजिकल घड़ी के बारे में बात की जाए तो, यह आपके शरीर की सारी एक्टिविटीज को समय के अनुसार बांटती है। यह घड़ी हमारे शरीर को यह बताती है कि कब उठना है कब खाना है। एक तरह से व्यक्ति के मानसिक लेवल से शारीरिक लेवल को एक साथ मैनेज करती है। समय के अनुसार अगर घड़ी नहीं चल पाती है तो इसका असर आपकी सेहत पर होता है और आप बीमार होते है।

Biological Clock

क्यों बिगड़ जाती है जैविक घड़ी

कैसे काम करती है घड़ी

यहां पर बायोलॉजिकल घड़ी, 24 घंटे में ही आपके शरीर की संरचना को लेकर काम करती है। इसमें इंसान के पाचन क्रिया, किडनी का कार्य अलग-अलग तरीके से काम करते है। 24 घंटे के दौरान यह घड़ी दिन और रात के दैनिक रूटीन को मैनेज करती है। इस प्रक्रिया को सिरकाडियन रिदम्‍स कहा जाता है। इन र‍िदम्‍स के आधार पर शरीर का तापमान, हृदय गति विधि, रक्‍तचाप मैनेज होता है। 

क्या पड़ता है शरीर पर इसका प्रभाव

अगर आपकी इस घड़ी के समय में किसी तरह की गड़बड़ी आती है जैसे आप समय पर खाना नहीं खाते या रात में सोते नहीं तो आपकी घड़ी बिगड़ जाती है। इसमें कई प्रकार की बीमारियां सामने आती है। 

1- घड़ी का समय बिगड़ने से मानसिक बीमारियों में अल्जाइमर रोग, डायबिटीज, डिप्रेशन जैसे समस्याएं आती है। 

2- घड़ी का समय बिगड़ने से वजन बढ़ने जैसी समस्याएं सामने आती है लोग ज्यादा देर तक सोते और गलत तरीके से खाते है तो इसका खराब असर पड़ता है।

3- इस घड़ी का समय बिगड़ने पर व्यक्ति के पाचन तंत्र पर इसका खराब असर देखा जाता है। गैस, बदहजमी जैसी समस्याएं आती है। आपके पेट में दर्द भी नजर आता है। 

4- घड़ी का समय बिगड़ने से आपके आंखों की रोशनी भी कमजोर हो जाती है। इसका असल में कारण अनियमित रहन-सहन होता है।

कैसे सुधारे बायोलॉजिकल घड़ी

अगर आपकी बायोलॉजिकल घड़ी का समय गड़बड़ा जाए तो आपको इसे कुछ बातों के साथ सही कर सकते है। 

1- कब सोना है और कब जागना है इसका समय तय कर लें। इसके लिए 8 घंटे की पर्याप्त नींद लेना जरूरी है। 

2- सुबह जल्दी उठकर प्रकृति से परिचय कर लें यानि कि सुबह घास में ओंस की बूंदे होती है उस पर बिना चप्पल के चलें। सूरज की पहली रोशनी में समय बिताएं।

3-सुबह का समय काफी शांत होता है इसे शांत मन के साथ बिताएं। ऐसा करने से दिन की शुरूआत अच्छी होती है। 

4- रात में सोने से पहले अगर आप कुछ खा लेते है तो आपकी पाचन क्रिया संतुलिति रहती है। इतना ही नहीं सोने से कुछ घंटे पहले ही मोबाइल इस्तेमाल करना बंद कर दें।