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    -सीमा कुमारी

    हिन्दु धर्म में सुबह और शाम पूजा का बहुत अधिक महत्व है। लगभग सभी घरों में दोनों समय पूजा होती है। कहा जाता है सूरज की पहली किरण के साथ ही पूजा करना बेहद शुभ होता है, और उस समय घंटियां और शंख बजाने को शुभ माना जाता है।

    पूजा-पाठ के दौरान हम बहुत सी ऐसी चीजें करते हैं, जिनका हमें पूरा अर्थ नहीं पता होता। लेकिन फिर भी हम करते है। इसी में से एक है, पूजा के दौरान घंटी बजाना। वास्तु के अनुसार, पूजा घर में घंटी बजाने से घर में सकारात्मकता आती है। इससे घर में बरकत होती है। वहीं, अगर वास्तु के अनुसार चीजों को न किया जाए, तो घर में निगेटिव एनर्जी का वास होने लगता है। आइए जानें इस बारे में…

    जानकारों का मानना है कि, पूजा के समय सदैव घंटा या घंटी बजाना शुभ माना गया है। यहां तक कि, मंदिर के बाहर घंटियां लगाने की परंपरा भी काफी पुरानी है।  बिना घंटी बजाए की गई आरती को अधूरा माना जाता है। मान्यता है कि, घंटी बजाने से एक विशेष प्रकार की ध्वनि निकलती है। इसे बजाने से घंटी की आवाज पूरे वातावरण में गूंजती है। भगवान की पूजा और आरती के समय घंटी बजाने से इसकी ध्वनि वातावरण को प्रभावित करती हैं और मन शांत, पवित्र और सुखद होता है।

    कहते हैं कि देवताओं की प्रसन्नता के लिए भी घंटी बजाई जाती है। देवी- देवताओं को घंटा, शंख और घड़ियाल आदि की आवाज काफी पसंद होती है। इससे समस्त देवता प्रसन्न होकर भक्तों पर कृपा बरसाते है।

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, घंटी बजाने से देवताओं के समक्ष आपकी हाजिरी लगती है। ऐसा कहा जाता है कि पूजा के दौरान घंटी बजाने से देवी-देवताओं की मूर्तियों में चेतना जागृत होती है जिसके बाद उनकी पूजा और आराधना अधिक फलदायक और प्रभावशाली बन जाती है। इसलिए हर हिन्दू घर में पूजा के समय सदैव घंटा या घंटी बजाई जाती है।