Maa durga

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    सनातन हिन्दू धर्म में ‘चैत्र नवरात्र’ का विशेष महत्व होता है। यह त्यौहार हिन्दू भाई-बहनों के लिए विशेष महत्व रखता है। इस त्यौहार को लेकर लोगों में एक अलग उत्साह होता है। यह त्यौहार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा तिथि से शुरू होकर चैत्र शुक्ल नवमी तिथि को समाप्त होता है। इस दौरान नौ दिनों तक मां के भक्त व्रत रखते हैं और ऐसा कहा जाता है कि जो भी श्रद्धालु मां दुर्गा की पूजा निर्मल हृदय से करता है, उसकी सारी मनोकामनाएं जरूर पूरी होती हैं, क्योंकि मां अपने भक्तों को कभी दुख में नहीं देख सकती हैं और उसे हर मुसीबतों से बचाकर रखती हैं।

    लेकिन, कई बार भक्तों द्वारा गलती से ‘नवरात्रि व्रत’ खंडित हो जाती है। ऐसी स्थिति में ‘व्रत दोष’ को दूर करने के लिए शास्त्रों में कुछ विशेष उपाय बताए गए हैं। आईए जानें आखिर क्या है विशेष उपाय… 

    • यदि आप ‘चैत्र नवरात्रि’ का व्रत रखते हैं, और गलती से या फिर भूलवश व्रत खंडित हो जाए तो ऐसी स्थिति में आपको एक विशेष उपाय करने की आवश्यकता होगी।
    • सबसे पहले आपने जिस देवी के लिए व्रत रखा है उनकी उपासना करते हुए उनसे इस दोष के लिए क्षमा मांगनी चाहिए।
    • पारंपरिक मान्यताएं है कि, जिस देवी के नाम का व्रत टूटा है उनके नाम से अपने घर पर हवन करवाएं। हवन के दौरान भी व्रत खंडित होने की क्षमा मांगें। हवन के बाद प्रार्थना करते समय कहें कि जो हमारे द्वारा व्रत भंग हुआ था उसका दोष दूर करें और व्रत पूर्ण करें।
    • शास्त्रों के नियमानुसार, जिस भी देवी-देवता का व्रत खंडित होता है, उस देवी-देवता के विशेष मंत्र को पढ़ने के साथ उनकी पूजा करने से जातक व्रत दोष से बच सकते हैं।
    • कहते हैं कि व्रत टूट जाने के बाद किसी जानकार पंडित से पूछ कर दान पुण्य जरूर करना चाहिए जिसकी मदद से संबंधित देवी-देवता को मनाने में मदद मिलेगी।

    इन विशेष उपायों को अपनाकर खंडित व्रत दोष से बच सकते हैं। और माता नवदुर्गा का आशीर्वाद पा सकते हैं।

    -सीमा कुमारी