उगते सूर्य को जल चढ़ाने के लाभ जानिए, हो जाएगा भाग्योदय, बढ़ेगा मान-सम्मान

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    सीमा कुमारी

    सनातन हिंदू धर्म में सूर्य को सर्वश्रेष्ठ देवता के रूप में जाना जाता है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सूर्य को ग्रहों का राजा माना जाता है। यह मनुष्य के जीवन में मान-सम्मान, पिता-पुत्र और सफलता का कारक माना गया है। ज्योतिष के अनुसार, सूर्य हर माह एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं। इस तरह से बारह राशियों में सूर्य एक वर्ष में अपना चक्र पूर्ण करते हैं। सूर्य को आरोग्य दाता माना गया है। सूर्य के प्रकाश से ही पृथ्वी पर जीवन संभव है। सूर्य को प्रतिदिन जल देने से जातक को आध्यात्मिक लाभ तो प्राप्त होते हैं, साथ ही स्वास्थ्य लाभ भी प्राप्त होते हैं।

    जानकार बताते हैं कि, सूर्य देव को हमेशा तांबे के लोटे से ही जल चढ़ाना चाहिए। इसके साथ ही जल चढ़ाते समय इस बात का ध्यान रखें कि जल किसी गमले या फिर तुलसी के पौधे पर ही गिरे। क्योंकि, यह जल पवित्र माना जाता है। ऐसे में पैर के नीचे यह जल आना अशुभ माना जाता है। इसके साथ ही भगवान सूर्य को प्रसन्न करने के लिए जल में कुछ चीजें जरूर मिलाएं। इससे आपको काफी लाभ मिल सकता है। आइए जानें इस बारे में-

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, जिस तरह हर देवी-देवता को फूल चढ़ाने से वह प्रसन्न होते हैं, उसी तरह सूर्य भगवान को अर्घ्य देते समय लाल रंग का फूल अर्पित करें। इससे सूर्य देवता की कृपा हमेशा आपके ऊपर बनी रहेगी।

    हिंदू धर्म में अक्षत का काफी महत्व है। अक्षय यानी बिना टूटा हुआ चावल। भगवान सूर्य की पूजा के दौरान अक्षत चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख- शांति बनी रहती है।

    ‘भविष्य पुराण’ के मुताबिक, नियमित रूप से सूर्य देव को जल अर्पित करने के साथ इस मंत्र का जरूर जाप करना चाहिए। मंत्र- ऊँ सूर्याय नम: । इसके अलावा ऊँ भूर्भुवः स्वः तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि धियो यो नः प्रचोदयात्।। मंत्र का जाप करना भी शुभ होगा।

    ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, भगवान सूर्य को रोली चढ़ाना भी शुभ माना जाता है। इसलिए सूर्य देवता को तांबा के लोटे से जल चढ़ाते समय थोड़ा सा रोली भी डाल लें।

    शास्त्रों के अनुसार, माना जाता है कि सूर्य देवता को मीठा जल चढ़ाने से वह जल्द प्रसन्न होते हैं। इसलिए आप चाहे तो जल में थोड़ी सी मिश्री या फिर शक्कर मिलाकर अर्घ्य दें।