महाशिवरात्रि के दिन महादेव को भूलकर भी न चढ़ाएं ये चीजें, जानिए वजह

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    -सीमा कुमारी

    ‘महाशिवरात्रि’ (Mahashivratri) का व्रत इस साल 1 मार्च को है। यह महापर्व हर साल फाल्गुन महीने (Falgun Month) के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को देशभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस दिन देवों के देव महादेव और माता पार्वती की विधि-विधान से पूजा-अर्चना की जाती है।

    मान्यता है कि, इस दिन व्रत रखने से सौभाग्य में वृद्धि होती है और जीवन में सुख-समृद्धि का आगमन होता है। कहते हैं, जो लड़कियां ‘शिवरात्रि’ का व्रत रखती हैं, उनको योग्य वर मिलता है।

    आप जानते हैं कि, ‘महाशिवरात्रि’ के पावन दिन पर भगवान भोलेनाथ (Lord shiv) को कुछ चीजों को चढ़ाने की मनाही है। आइए जानें उन विशेष के बारे में चीजों-

    धार्मिक-शास्त्रों के अनुसार, भगवान शिव ने शंखचूड़ नाम के असुर का वध किया था। इसलिए भगवान शिव को शंख से जल नहीं चढ़ाया जाता है। साथ ही शंख को असुर का प्रतीक माना जाता है, जो भगवान विष्णु का भक्त था। इसलिए विष्णु भगवान की पूजा शंख से की जाती है।

    शिव को कभी भी हल्दी नहीं चढ़ाते हैं। शास्त्रों के अनुसार, शिवलिंग पुरुष तत्व का प्रतीक है और हल्दी स्त्रियों से संबंधित है। इसी कारण धार्मिक रूप से शिवलिंग पर हल्दी लगाने या चढ़ाने से मना किया जाता है

    ज्योतिष-शास्त्र के मुताबिक, भगवान भोलेनाथ को लाल फूल नहीं चढ़ाना चाहिए। ऐसे में ‘महाशिवरात्रि’ के दिन आप भी गलती से भी शिवजी को लाल फूल ना चढ़ाएं।

    भगवान भोलेनाथ की पूजा में तुलसी को भी वर्जित माना जाता है, इसलिए भगवान भोलेनाथ की पूजा में तुलसी को भूलकर भी अर्पित न करें।

    कहते हैं कि, भगवान शिव को छोड़कर सिंदूर सभी देवी-देवताओं का प्रिय है। भगवान शिव को सिंदूर इसलिए नहीं चढ़ाया जाता है कि, क्योंकि हिंदू महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए इसे लगाती हैं। वहीं, भगवान शिव संहारक है। इसलिए भगवान शिव को सिंदूर चढ़ाने के बजाय चंदन का तिलक लगाना शुभ माना गया है।