आज से शुरू हो रहा दक्षिण भारत का प्रसिद्ध त्योहार पोंगल, जानें ‘मट्टू पोंगल’ की विशेषता

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    -सीमा कुमारी

    ‘पोंगल’ (Pongal) दक्षिण भारत का प्रमुख त्योहार है। जो चार दिनों तक बड़े ही हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। यह पर्व 13/14 जनवरी से शुरू होता है और 17 जनवरी तक इस पर्व को मनाते हैं।

    यह त्यौहार भारत के तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में मनाया जाता है। यह त्यौहार किसानों का प्रमुख त्यौहार भी कहलाता है। धान की फसल कटने की खुशी में किसान यह त्यौहार बेहद हर्षोल्लास के साथ मनाते हैं। यह त्यौहार सूर्य और इंद्रदेव को समर्पित होता है। मान्यता है कि इनकी पूजा पूरे विधि-विधान के साथ करने से किसानों पर कृपा बनी रहती है। किसान अच्छी बारिश और बेहतर फसल की प्रार्थना करते हैं। पोंगल का तीसरा दिन ‘मट्टू पोंगल’ के नाम से जाना जाता है। आइए जानें क्या है मट्टू पोंगल।

    ‘मट्टू’ बैल को कहा जाता है। इसका संबंध शिवजी के वाहन नंदी से है। इस दिन बैल की पूजा की जाती है। वास्तव में, इस दिन पशु- धन को पूजा जाता है। किसान के जीवन में बैल बेहद ही महत्वपूर्ण अंग है। ऐसे में बैल की पूजा इस दिन किसानों द्वारा की जाती है। इस दिन विशेषकर चावल की उत्तम फसल की कामना की जाती है।

    ‘मट्टू पोंगल’ (Mattu Pongal) के दिन बैलों को स्नान करया जाता है और उन्हें सजाया जाता है। बैल की सींगों में तेल लगाते हैं और उन्हें नई घंटियां बांधकर सुंदर वस्त्र पहनाते हैं। इस दिन मुख्यत: पशुओं को साफ कर उनकी पूजा की जाती है। बैल के साथ-साथ गाय और बछड़े की भी पूजा की जाती है। लोग अपने घरों के दरवाजे पर रंगोली भी सजाते हैं। साथ ही बैलों को चावल, गन्ने, हल्दी और अदरक जैसी चीजें खाने के   लिए दी जाती हैं।