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राम नवमी 2024 (सोशल मीडिया)

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: 26 मार्च से चैत्र महीने की शुरुआत हो चुकी है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि पर मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, इसलिए इस दिन को राम नवमी के रूप में भी जाना जाता है। इस साल ‘राम नवमी’ (Ram navami 2024) का महापर्व 17 अप्रैल 2024 बुधवार को है।

श्री राम का हुआ था इस दिन जन्म

सनातन धर्म में राम नवमी के त्योहार का विशेष महत्व रखता है। शास्त्रों में निहित है कि चैत्र माह में शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्री राम जन्म हुआ था। इसी वजह से हर साल इस दिन को राम नवमी के रूप में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से नवरात्र की शुरुआत होती है और इसके बाद नौवें दिन राम नवमी का त्योहार मनाया जाता है। आइए जान लीजिए राम नवमी की डेट, शुभ मुहूर्त और पूजा विधि के बारे में।

शुभ मुहूर्त

पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि का प्रारंभ 16 अप्रैल को दोपहर 1 बजकर 23 मिनट से होगा और इसका समापन 17 अप्रैल को दोपहर 3 बजकर 14 मिनट पर होगा। सनातन धर्म में उदया तिथि का विशेष महत्व है। ऐसे में राम नवमी का पर्व 17 अप्रैल को मनाया जाएगा।

पूजा विधि

इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठें और दिन की शुरुआत भगवान श्री राम के ध्यान से करें। इसके बाद स्नान करें और साफ वस्त्र धारण कर सूर्य देव को जल अर्पित करें। इसके बाद मंदिर की सफाई करें और शुभ मुहूर्त में श्री राम का केसर मिश्रित दूध से अभिषेक करें। इसके बाद भगवान को वस्त्र पहनाएं। अब दीपक जलाकर आरती करें और रामचरितमानस का पाठ अवश्य करें। रामनवमी के दिन रामरक्षा मंत्र ‘ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं रामचन्द्राय श्री नमः’ का जाप करना फलदायी होता है। अंत में भगवान श्री राम को फल और मिठाई समेत आदि चीजों भोग लगाएं और लोगों में प्रसाद का वितरण करें।

रामनवमी का धार्मिक महत्व

चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को भगवान श्रीराम का जन्म हुआ था, और उन्हीं के नाम से इस तिथि को रामनवमी के नाम से जाना जाता है। भगवान राम ने अपने चरित्र, प्रजा के प्रति अपनी निष्ठा, वचनों को निभाने के दृढ़ संकल्प और मर्यादित रहकर पुरुषोत्तम का दर्जा पाया था। इसलिए भगवान राम को आदि पुरुष भी कहा जाता है। राम नवमी का त्योहार हमें यही संदेश देता है कि, हम भी उनके पदचिन्हों पर आगे बढ़ सकें और मर्यादित जीवन जी सकें। इसके साथ ही माना जाता है कि राम जी की पूजा करने से हमें बुद्धि और विवेक प्राप्त होता है और साथ ही राम जी के परम भक्त हनुमान जी की कृपा भी भक्तों को प्राप्त होती है। भगवान राम को आस्था के प्रतीक के रूप में याद रखने के साथ ही हम उनके गुणों को भी खुद में लाएं, यही संदेश रामनवमी का त्योहार हमें देता है।