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    -सीमा कुमारी

    इस साल की अंतिम ‘सोमवती अमावस्या’ (Somvati Amavasya) 30 मई दिन सोमवार को है। माना जा रहा है कि, इस बार की ‘सोमवती अमावस्या’ बहुत ही शुभ और मंगलमयी है। क्योंकि, इस दिन ‘शनि जयंती’ और ‘वट-सावित्री’ का पावन व्रत भी है।

    हिंदू धर्म में ‘सोमवती अमावस्या’ का काफी अधिक महत्व है। ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सोमवती अमावस्या के प्रात: पवित्र नदियों में स्नान करने और दान  पुण्य करने से लाभ होता है। सोमवती अमावस्या का दिन शिव पूजा के लिए भी उत्तम माना जाता है, वहीं पीपल के पेड़, पितरों आदि की भी पूजा इस दिन करते है। आइए जानें सोमवती अमावस्या की तिथि, शुभ मुहूर्त और महत्व।

    शुभ मुहूर्त

    • तिथि- 30 मई 2022, सोमवार
    • अमावस्या तिथि आरंभ – 29 मई 2022 को दोपहर 02 बजकर 54 मिनट से
    • अमावस्या तिथि समाप्त – 30 मई 2022 को शाम 04 बजकर 59 मिनट तक।
    • अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 50 मिनट से
    • ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04 बजकर 08 मिनट से 04 बजकर 56 मिनट से

    पूजा-विधि

    इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठकर सभी कामों से निवृत्त होकर स्नान कर लें। गंगा स्नान कर लें तो बेहतर है। अगर आप स्नान करने के लिए नहीं जा पा रहे हैं तो घर में ही नहाने के पानी में थोड़ा सा गंगाजल डालकर नहा लें। इसके बाद भगवान सूर्य को अर्घ्य दें। इसके साथ ही दान -पुण्य करना चाहिए। पितरों की शांति के लिए तर्पण, श्राद्ध आदि कर सकते हैं। इससे पितरों का आशीर्वाद आपको मिलेगा।

    महत्व

    हिंदू धार्मिक ग्रंथों में ‘सोमवती अमावस्या’ का बेहद खास महत्व बताया गया है। मान्यता है कि, इस दिन व्रत, पूजन और पितरों के निमित्त दान करने से पुण्यफल की प्राप्ति होती है। सोमवार का दिन भगवान शिव और मां पार्वती को समर्पित माना गया है। इस दिन भगवान शिव सहित मां पार्वती की पूजा करने से पति की लंबी आयु और अखंड सौभाग्य की प्राप्ति होती है।