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सीमा कुमारी-

‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivratri) हर महीने के कृष्ण पक्ष की 14वें दिन चतुर्दशी तिथि में मनाई जाती है। इस साल चैत्र महीने की ‘मासिक शिवरात्रि’ 20 मार्च सोमवार के दिन है। सोमवार का दिन भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित है और मासिक शिवरात्रि भी भगवान भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति का अवसर है। आइए जानें चैत्र की ‘मासिक शिवरात्रि, पूजा मुहूर्त और महत्व के बारे में-

शुभ मुहूर्त

  • 20 मार्च सुबह में 6 बजकर 25 मिनट से शाम में 7 बजकर 56 मिनट तक
  • इसके बाद रात में 9 बजकर 27 मिनट से 10 बजकर 58 मिनच तक
  • शाम में पांच बचकर 1 मिनट से 6 बजकर 32 मिनट तक
  • जो लोग ‘निशिथ काल’ की पूजा करते हैं, उनके लिए रात्रि में 10 बजकर 59 मिनट से
  • रात में 12 बजकर 28 मिनट तक पूजा का शुभ मुहूर्त रहेगा।

पूजा विधि

  1. ‘मासिक शिवरात्रि’ के दिन सुबह सूर्योदय से पहले उठकर स्नान कर लें।
  2. इसके बाद भगवान शिव के मंदिर या फिर घर के ही मंदिर में भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करें।
  3. याद रखें की सबसे पहले शिवलिंग का अभिषेक करें। इसके लिए जल, शुद्ध घी, दूध, शक्कर, दही आदि से अभिषेक करें। कहा जाता है कि रुद्राभिषेक करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं।
  4. साथ ही इस दिन बेलपत्र, धतूरा, श्रीफल चढ़ाएं। इस बात का ख्याल रखें की आप बेल पत्र को अच्छे से साफ कर लें।
  5. शिव पूजा करते समय शिव पुराण, शिव स्तुति, शिव अष्टक, शिव चालीसा और शिव श्लोक का पाठ करें।
  6. संध्या के समय आप फलहार कर सकते हैं। ख्याल रखें की शिवरात्रि के व्रत में अन्न ग्रहण नहीं करना चाहिए।

धार्मिक महत्व

मासिक शिवरात्रि का व्रत रखने और भगवान शिव की पूजा करने से कष्ट दूर होते हैं और मनोकामनाएं पूरी होती हैं। मासिक शिवरात्रि के निशिता मुहूर्त में सिद्धियों की प्राप्ति के लिए विशेष पूजा की जाती हैं।