सीमा कुमारी
नई दिल्ली: हिन्दू धर्म में ‘मासिक शिवरात्रि'(Masik Shivratri) का अपना अलग ही महत्व है। जहां शिव के भक्त साल में एक बार बड़ी ही धूमधाम से ‘महाशिवरात्रि’ मनाते हैं, वहीं भोलेनाथ की आराधना में प्रत्येक महीने के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को ‘मासिक शिवरात्रि’ (Masik Shivratri 2023) का व्रत रखा जाता है। इस बार वैशाख महीने की ‘मासिक शिवरात्रि’ आज यानी 18 अप्रैल, मंगलवार के दिन है।
शिवरात्रि हिन्दुओं का प्रमुख त्योहार है, जो पूरे देश भर में बड़ी ही धूम-धाम से मनाया जाता है। मान्यता है कि भगवान शिव को ‘मासिक शिवरात्रि’ का व्रत बड़ा प्रिय है। कहते हैं कि इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा करने और व्रत रखने से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है।
भगवान भोलेनाथ की कृपा से जीवन में आरोग्य, धन, दौलत, सुख आदि की प्राप्ति होती है। आइए जानें वैशाख माह की तिथि, पूजन मुहूर्त और महत्व के बारे में-
तिथि और मुहूर्त
वैशाख, कृष्ण पक्ष चतुर्दशी
मंगलवार, 18 अप्रैल 2023
शिवरात्रि प्रारंभ :
18 अप्रैल 2023 को दोपहर 1:27 बजे
शिवरात्रि समाप्त: 19 अप्रैल 2023 को सुबह 11:24 बजे
पूजा-विधि
- इस दिन सबसे पहले सुबह उठकर स्नान कर लें। स्नान करने के बाद साफ कपड़े पहनें।
- हो सके तो इस दिन पीले रंग के कपड़े पहनें, इस रंग के वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है।
- इसके बाद पूजा स्थल पर शिवजी, माता पार्वती, गणेश और कार्तिकेय सहित नंदी की स्थापना करें।
- फिर सभी को पंचामृत से स्नान कराएं। बेलपत्र, फल, फूल, धूप और दीप, नैवेद्व और इत्र भगवान को चढ़ाएं।
- इसके बाद शिव पुराण, शिव चालीसा, शिवाष्टक, शिव मंत्र और शिव आरती करें।
धार्मिक महत्व
शिव पुराण के अनुसार, ‘मासिक शिवरात्रि’ का व्रत बहुत ही शुभ माना जाता है। मान्यता है कि, इस दिन भगवान शिव और माता पार्वती का व्रत रखने से जीवन की समस्त बाधाएं दूर हो जाती हैं। उसे मोक्ष, मुक्ति की प्राप्ति होती है। साथ ही, कहा जाता है कि इस दिन शिव मंत्र ‘ॐ नमः शिवाय’ का पूरे दिन जाप करने से व्यक्ति की सभी मनोकामना पूर्ण होती हैं। इसके अलावा, ‘मासिक शिवरात्रि’ का व्रत सुख, शांति और विवाहिता को अखंड सौभाग्यवती होने का वरदान प्रदान करता है। वहीं, कुंवारी कन्याएं इस दिन सुयोग्य वर की प्राप्ति के लिए व्रत भी रखती करती हैं।