Chaitra Navratri 2024, Coconut, Lifestyle
नवरात्रि के बाद के नारियल का क्या करें (डिजाइन फोटो)

चैत्र नवरात्रि की समाप्ति पर कलश स्थापना में रखे गए नारियल को कैसे प्रवाहित करना चाहिए, इसके नियम खास है।

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सीमा कुमारी

नवभारत लाइफस्टाइल डेस्क: देवी दुर्गा (Maa Durga) की शक्ति आराधना का महापर्व ‘चैत्र नवरात्रि'(Chaitra Navratri 2024) का समापन 17 अप्रैल, यानी बुधवार के दिन हो जाएगा। 9 अप्रैल 2024 को कलश स्थापना के साथ ‘चैत्र नवरात्रि’ की शुरुआत हुई थी, जो 17 अप्रैल को समाप्त हो जाएगी। नवरात्रि,(Navratri) हिंदुओं के एक प्रमुख त्योहार है जो धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व के साथ साथ समाज में उत्साह और खुशी का संचार करता है। यह अद्भुत त्योहार हर साल विभिन्न रूपों में मनाया जाता है, लेकिन इस वर्ष, 2024 में, नवरात्रि का उत्सव और भी विशेष होगा।

नवरात्रि की 9 रातें है बेहद खास

जैसा कि आप सभी की पता है कि, नवरात्रि में पूरे 9 दिन पूजा-पाठ के साथ व्रत रखा जाता है। दरअसल, नवरात्रि एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है ‘9 रातें’ इन 9 रातों और 10 दिनों के दौरान भक्त शक्ति की देवी मां जगदंबा के नौ रूपों की पूजा करते हैं। नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना या घटस्थापना के साथ इसकी शुरुआत होती है। इस दौरान एक नारियल रखकर कलश स्थापना की जाती है। इसके बिना पूजा फलदायी नहीं मानी जाती है। लेकिन, क्या आप जानते हैं कि नवरात्रि के बाद इस नारियल का क्या करें? ऐसे में आइए जानें इन बारे में –

कलश के ऊपर रखे नारियल का क्या करें

1- ज्योतिषियों के अनुसार, कलश के ऊपर रखे नारियल में माता रानी की विशेष कृपा होती है। इसलिए नवरात्रि के बाद इस नारियल को लाल रंग के कपड़े में लपेटकर पूजा स्थल पर रख सकते है।

2- आप नारियल को नवरात्रि खत्म होने के बाद जल में प्रवाहित भी कर सकते हैं या फिर प्रसाद के रूप में इसे खा भी सकते है।

3-कुछ लोग कलश के ऊपर रखे नारियल को कन्या पूजन के दौरान कन्याओं में प्रसाद के रूप में बांट देते है। घर-परिवार में भी इसे प्रसाद के रूप में खाया जा सकता है।

4-नारियल के साथ कलश के नीचे चावल भी रखे जाते है। इसे भी नवरात्रि के बाद जल में प्रवाहित कर दिया जाता है।

5-हिंदू धर्म में पूजा-पाठ के बाद पूजा की सामग्री को जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है। इससे कोई दोष नहीं लगता और पूजा का संपूर्ण फल प्राप्त होता है।