नई दिल्ली: जीवन के शुरू से ही हम सभी यह जानते और मानते हैं कि मृत्यु (Death) जीवन (Life0 का सबसे शाश्वत और अटल सत्य है। इसे न तो कोई रोक सका है और न ही बदल सका है। लेकिन अब अगर हम शिव पुराण (Shiv Puran) को पढ़ें तो इसमें मृत्यु के पहले मिलने वाले संकेतों के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया है। कहा जाता है कि इन संकेतों का मिलना यह बताता है कि, व्यक्ति की मृत्यु की घड़ी अब निटक और अटल है।
क्या है शिव पुराण
वैसे तो सनातन धर्म में कई पुराण हैं जिनमें से शिव पुराण में भगवान शंकर की महिमा के बारे में विस्तार से उल्लेख है। भगवान शिव आदिदेव भी माने जाते हैं। उन्हें ब्रह्मांड (Universe) में जीवन (Life) का आधार माना गया है। जीवन के अस्तित्व (creation) से लेकर अंत (destruction) तक सबमें शिव की अवधारणा समाई है। कहा गया कि, जीवन की सबसे बड़ी उर्जा हैं शिव। शिव पुराण में यह भी बताया गया है कि भगवान शिव देवता, मनुष्यों, राक्षण और हर जीव पर समान रूप से अपनी कृपा बरसाते हैं तथा जल्दी ही प्रसन्न होने वाले देवता हैं।
क्या मृत्यु भी देती है पूर्वसंकेत
दरअसल हिंदू धर्म के 18 पुराणों में एक महत्वपूर्ण शिव पुराण जिसे शैव मत संप्रदाय से संबंधित पवित्र पुराण भी कहा और माना गया है। इस पुराण में भगवान शिव की महिमा, विभिन्न रूप, उनके अवतार और ज्योतिर्लिंगों का विस्तृत विवरण मिलता है।
लेकिन इसके साथ ही इसमें जीवन और मृत्यु से जुड़े गूढ़ रहस्यों के बारे में भी जानकारी है। इस पवित्र शिवपुराण में भगवान शिव माता पार्वती को मृत्यु से जुड़े ऐसे लक्षणों के बारे में बताते हैं, जो मृत्यु के निकट होने या पहुँचने का संकेत माने जाते हैं।
मृत्यु से पहले मनुष्य में दीखते हैं कुछ ऐसे संकेत
- शिव पुराण के अनुसार, जब व्यक्ति की इंद्रियां सही के काम करना बंद कर दें तो यह मृत्यु के नजदीक होने का संकेत हो सकता है।
- इसके अलावा शरीर के रंग का बदल जान जैसे शरीर का नीला, सफेद या पीला पड़ जाना, त्वचा पर कई जगह लाल चकते दिखाई देना भी मृत्यु का प्रासंगिक संकेत हो सकते हैं।
- शिव पुराण के अनुसार, जब किसी व्यक्ति को अपनी परछाई ही न दिखाई दे या अपनी परछाई सिर के बिना दिखाई दे तो यह भी मृत्यु के निकट होने का बाद संकेत हैं। शिव पुराण में कहा गया कि मृत्यु के समीप होने पर व्यक्ति को जल, तेल, घी या आईने में भी अपनी परछाई दिखाई नहीं देती।
- मृत्यु के पास होने से पहले व्यक्ति को चंद्रमा, अरुंधति तारा, सप्तऋषि तारे या अन्य तारे भी नहीं दिखाई पड़ते।
- शिव पुराण के अनुसार मृत्यु के करीब आने पर व्यक्ति की दृष्टि भी कमजोर होने लगती है और उसके अंतिम समय के आते-आते तक हर व्यक्ति को दिखना एकदम बंद हो जाता है।
- शिव पुराण के अनुसार अगर किसी को अग्नि का प्रकाश ठीक से दिखाई न दे और चारों ओर उसे अंधेरा अनुभव हो तो भी यह व्यक्ति की मृत्यु करीब होने का संकेत है।
- शिव पुराण के अनुसार यदि व्यक्ति का मुंह, कान, नाक और जीभ पथरा जाए तो यह संकेत बताते हैं कि इंसान की मृत्यु आने वाले 6 माह के अन्दर हो सकती है।
- जीभ का फूल जाना, दांतों से मवाद निकलना और स्वास्थ्य का दिन-प्रतिदिन बिगड़ते जाना भी शिव पुराण के अनुसार इस बात का इशारा है कि व्यक्ति का जीवन अब केवल कुछ माह शेष रह गया है।
(डिस्क्लेमर: यह पाठ्य सामग्री आम धारणाओं और इंटरनेट पर मौजूद सामग्री के आधार पर ही लिखी गई है।यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। ‘नवभारत’ इसकी पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से अवश्य सलाह लें। )