आज है ईस्टर संडे, जानें इस दिन से जुड़ें कुछ खास तथ्य

    Loading

    नई दिल्ली: हर साल सवा महीना उपवास के बाद ईस्टर संडे आता है, यह ईसाई समुदाय के लिए एक खास पर्व होता है। आज ईस्टर संडे है। आपको बता दें कि ईसाईयों का धार्मिक ग्रन्थ बाइबिल के अनुसार ईस्टर संडे प्रभु यीशु के पुनः जीवित होने के उपलक्ष में मनाया जाता है। यह दिवस ईसाईयों के लिए बहुत खास होता है। हर साल गुड फ्राइडे के दो दिन बाद हर साल ईस्टर संडे आता है। आइए आज ईस्टर संडे के इस पर्व पर जानते है इस दिन से जुड़ी कुछ खास बातें… 

    दरअसल बाइबिल में लिखा है कि सूली पर लटकाए जाने के तीन दिन बाद प्रभु यीशु पुन: जीवित हो गए थे। इसलिए इस दिन को ईस्टर संडे के रूप में मनाया जाता है। ईस्टर संडे से जुड़े कई रोचक तथ्य हैं, जिनके बारे में बहुत कम लोगों को पता है, इसलिए आज हम आपको ईस्टर संडे के महत्वपूर्ण तथ्यों के बारे में बताएंगे, जिसे हर किसी को जानना चाहिए, आइए आज हम आपको बता है इस दिवस से जुड़े कुछ तथ्य.. 

    ईस्टर संडे के रोचक तथ्य

    • ईसाई धर्म में ईस्टर संडे को खजूर इतवार, पवित्र इतवार और सनराइज सर्विस भी कहा जाता है।
    • ईसाई धर्म के अनुयायी मानते हैं कि ईस्त्र शब्द से ईस्टर शब्द की उत्पत्ति हुई है।
    • पवित्र सप्ताह ईस्टर के लिए अग्रणी सप्ताह के दौरान मनाया जाता है।
    • यह पाम संडे से शुरू होता है, सोमवार, गुरुवार, गुड फ्राइडे और फिर अंत में ईस्टर संडे आता है।
    • मध्यकालीन समय में गिरजाघर का पुजारी लड़कों को एक उबला हुआ अंडा देते थे और इसके साथ ही कोई टास्क भी देते थे, जो ये टास्क पास करता उसे अंडा खाने को मिलता।
    • ईस्टर संडे को अंडे को प्रजनन क्षमता के प्राचीन प्रतीक के रूप में देखा गया है, साथ ही वसंत ऋतु का आगमन और ईशु के पुनर्जन्म लाने के लिए माना जाता है। 
    • किश्चियन ईस्टर पर नए कपड़े पहनते हैं, तो पूरे वर्ष उनको शुभकामनाएं मिलती हैं। अमेरिका के न्यू यॉर्कर सिटी में लोग नए नए कपड़े पहनकर चर्चों में जाते हैं
    • ईस्टर रविवार के दिन सभी गिरजाघरों में मोमबत्तियां जलाकर प्रभु यीशु को याद करते हैं और रात में जागरण व ईसाई धार्मिक परंपराएं निभाते हैं।
    • ईसाई मान्यता के अनुसार ईस्टर संडे को घर सजाकर रात्रि में मोमबत्तियां जलाना और अपने मित्रों में इन्हें बांटना अत्यंत शुभ माना जाता है।
    • ईसाई धर्म के अनुयायी मानते हैं कि जब प्रभु ईशु पुन: जीवित हुए तो वह अपने दोस्तों के साथ रहे और उन्होंने क्षमा का महत्व बताया और चालीस दिन बाद (जिसे लेंट कहा जाता है) वह स्वर्ग में चले गए।
    • अमेरिका ईस्टर संडे पर हर साल 1.9 अरब डॉलर खर्च करते हैं। हैलोवीन के बाद यह दूसरा सबसे बड़ा ईस्टर कैंडी अवकाश है।