Dhanteras 2023, Diwali 2023, Gold

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सीमा कुमारी

नवभारत डिजिटल टीम: सनातन धर्म में सुख-समृद्धि और खुशहाली का त्योहार दिवाली हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। जोकि कार्तिक मास की अमावस्या (Kartik Amavasya 2023) को मनाया जाता है। लेकिन दिवाली (Diwali 2023) केवल एक दिन नहीं बल्कि पांच दिनों तक चलने वाला पर्व है। इसलिए इसे पंचदिवसीय पर्व कहा जाता है। दीपावली के दिन पहले धनतेरस (Dhanteras 2023) का पर्व मनाया जाता है।

इस बार ‘धनतेरस’ (Dhanteras 2023) का पावन पर्व 10 नवंबर, 2023 शुक्रवार के दिन मनाया जाएगा। ज्योतिषियों के अनुसार, धनतेरस के दिन सोना-चांदी के आभूषण या झाड़ू खरीदना (Buying Broom) बहुत शुभ माना जाता है। कहते हैं, इस दिन अगर आप एक खास धातु की खरीदारी करते है तो माता लक्ष्मी प्रसन्न होंगी। मान्यता है कि कार्तिक त्रयोदशी तिथि पर देवताओं के वैध भगवान धनवेंत्री समुद्र मंथन के दौरान स्वर्ण कलश के साथ प्रकट हुए थे। वहीं, इस साल धनतेरस के दिन कई शुभयोग का भी निर्माण हो रहा है। इसका शुभ असर पड़ने वाला है।

देवघर के प्रसिद्ध ज्योतिष आचार्य पंडित नंदकिशोर मुद्गल के अनुसार, इस साल 50 साल बाद धनतेरस के दिन यम पंचक शिववास और प्रदोष व्रत का भी है संयोग बन रहा है। यानी उस दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव का भी आशीर्वाद प्राप्त होने वाला है। 10 नवंबर को दिन शुक्रवार पड़ने के कारण चांदी खरीदना शुभ माना जाता है।

कहते हैं शुक्रवार के दिन अगर आप चांदी खरीदते हैं तो माता लक्ष्मी जरूर प्रसन्न होती है। इस बार धनतेरस 10 नवंबर दिन शुक्रवार को मनाया जा रहा हैं, इसलिए कुछ ना सही तो कम से कम धातु में चांदी अवश्य खरीदें। वहीं, शुक्रवार के दिन खरीदी गई चीजें में वर्ष भर 13 गुने की वृद्धि होती है।

इस साल धनतेरस (Dhanteras 2023) के दिन माता लक्ष्मी के साथ-साथ भगवान शिव की भी पूजा आराधना की जाएगी। इस दिन शिव वास भी है। उसके साथ साथ प्रदोष व्रत भी इसी दिन रखा जाएगा। जिस कारण जातक को धनतेरस के दिन माता लक्ष्मी के साथ भगवान शिव का दोगुना आशीर्वाद प्राप्त होने वाला है। वही, माता लक्ष्मी और भगवान शिव की वहीं, माता लक्ष्मी की पूजा प्रदोष काल में की जाती है, इसलिए धनतेरस के दिन शाम के 5 बजकर 29 मिनट से लेकर रात के 8 बजकर 7 मिनट तक लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त रहने वाला है।