-सीमा कुमारी
सनातन हिन्दू धर्म में सावन (श्रावण माह) का बहुत अधिक महत्व है। यह महीना शिव श्रद्धालुओं के लिए बहुत ही शुभ एवं पवित्र होता है। श्रावण के पूरे माह के दौरान शिवभक्त प्रतिदिन स्नान करने के बाद शिव मंदिर जाकर शिवजी की पूजा करते है। श्रावण माह में पड़ने वाली सोमवारी का भी विशेष महत्व होता है। इसके अलावा, इस दौरान कई तरह के उपाय भी किए जाते हैं।
मान्यता है कि, सावन के महीने में किए जाने वाले उपाय और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करने से हर तरह की मनोकामनाएं पूरी होती हैं। सावन के महीने में किए जाने वाले उपायों का विशेष महत्व होता है। इन उपायों को अपनाकर जीवन के कष्टों का कम कर सकते हैं। आइए जानें उन उपायों के बारे में-
ज्योतिष-शास्त्र के अनुसार, सावन के महीने हर तरह की मनोकामनाएं जल्द से जल्द पूरी हो जाती हैं। क्योंकि, सावन का महीना भगवान शिव को अतिप्रिय होता है। इस माह में भगवान शिव की पूजा करने से जल्दी फल की प्राप्ति होती है। ऐसे में सावन के महीने में प्रतिदिन शिवलिंग पर सुबह-सुबह जल में काला तिल मिलाकर अर्पित करना चाहिए। सावन के महीने में इस उपाय से जल्द ही सारी इच्छाएं पूरी हो जाती हैं।
कहते है कि, जिन लोगों को अपने काम के अनुरूप नौकरी या व्यवसाय में तरक्की नहीं मिल रही हो, ऐसे लोगों को श्रावण मास की शिवरात्रि पर माता पार्वती को चांदी की बिछिया या पायल अर्पित करनी चाहिए। ऐसा माना जाता है कि ऐसा करने से धन आगमन के नए रास्ते खुल जाते हैं। साथ ही नौकरी और व्यवसाय में तरक्की भी प्राप्त होती है।
ज्योतिषियों का मानना है कि, जिन लोगों का दांपत्य जीवन स्थिर नहीं है, ऐसे में सावन के महीने में पति-पत्नी को साथ मिलकर भगवान शिव को पंचामृत से अभिषेक कराना चाहिए। ऐसा करने से दांपत्य जीवन में हो रही उथल-पुथल समाप्त होती है और पति-पत्नी के रिश्ते मजबूत होते हैं।
इसके अलावा, कई लोगों के मन में हमेशा किसी अनहोनी के होने का भय सताता रहता है, इस दोष को दूर करने के लिए सावन के महीने में गाय को गुड़ और रोटी और बैल को हरा चारा खिलाना बेहद शुभ माना जाता हैं।
ज्योतिष- शास्त्र के मुताबिक, यदि किसी व्यक्ति के घर में कोई सदस्य किसी पुराने रोग या दोष से पीड़ित हो। तो ऐसे में घर के मुखिया को सरसों के तेल से सावन के किसी भी सोमवार को भगवान शिव का रुद्राभिषेक करना चाहिए। ऐसा करने से परिवार के सभी सदस्यों को रोग और दोषों से मुक्ति मिल सकती हैं।