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मुंबई. कोरोना संकट के चलते यात्रियों की संख्या में आई भारी कमी का बुरा असर निजी ट्रेनों पर भी पड़ा है. मुंबई-अहमदाबाद और दिल्ली-लखनऊ मार्ग पर शुरू की गई तेजस ट्रेनों को बेमुद्दत बंद करने का निर्णय लिया गया है. इससे तेजस ट्रेनों का संचालन करने वाली निजी कंपनियों और आईआरसीटीसी को तगड़ा झटका लगा है.

उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट आने के कुछ दिन पहले ही निजी ट्रेनों तेजस को बड़े जोर-शोर से शुरू किया गया था. आईआरसीटीसी सहित निजी कंपनियों को उम्मीद थी कि तेजस का संचालन फायदेमंद होगा, लेकिन चायनीज वायरस ने फिलहाल इसे घाटे का सौदा बना दिया. 

 हालात सामान्य होने तक बंद रखा जाएगा

 मुंबई अहमदाबाद रूट पर सबसे अधिक कपड़ा और डायमंड व्यापारी यात्रा करते हैं, लेकिन कोरोना के चलते व्यापारी यात्रा करने से कतरा रहे हैं. यही स्थिति दिल्ली-लखनऊ रूट पर है. इस कारण दोनों निजी ट्रेनों को यात्री ही नहीं मिल पा रहे हैं. वर्तमान में मात्र 25 प्रतिशत यात्री क्षमता के साथ ही ट्रेनें चल रहीं हैं. इससे ट्रेन संचालन का खर्च भी नहीं निकल पा रहा है. भारी घाटे को देखते हुए 23 नवंबर से दिल्ली-लखनऊ और 24 नवंबर से मुंबई-अहमदाबाद तेजस को हालात सामान्य होने तक बंद रखा जाएगा. उल्लेखनीय है कि ‘नवभारत’ ने पिछले सप्ताह ही हाई प्रोफाइल निजी ट्रेन तेजस के बंद होने की संभावना जताई थी. इसके पहले भी यात्री न मिलने से कुछ मंगलवार को ट्रेन न चलाने का निर्णय भी लिया गया था. अब बेमुद्दत बंद करने का निर्णय लिया गया है.

आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया

पश्चिम रेलवे के व्यस्त और अहम माने जाने वाले मुंबई-अहमदाबाद मार्ग के लिए अत्याधुनिक तेजस ट्रेन के निर्माण में लगभग 43 करोड़ रुपए खर्च करने पड़े हैं. कोरोनाकाल में कई माह ट्रेन बंद रही, लेकिन शुरू होने पर आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया वाली हालत को देखते हुए आईआरसीटीसी को ट्रेन बंद करने का निर्णय लिया गया है. यात्रियों का कहना है कि तेजस का किराया बहुत ज्यादा है. एग्जीक्यूटिव क्लास का किराया प्लेन के किराए से भी ज्यादा है. कोरोना की वजह से  मुंबई-अहमदाबाद के लिए ट्रैफिक कम हो गई है.