नांदेड़ की ‘इस’ दवा कंपनी ने ‘सीरम’ के खिलाफ दायर किया मुकदमा, जानें वजह

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मुंबई. नांदेड़ (Nanded) स्थित फार्मास्युटिकल कंपनी क्युटिस बायोटेक (Pharmaceutical company Cutis Biotech) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया (Serum Institute of India) के खिलाफ पुणे (Pune Court) के एक न्यायालय में मामला दायर किया है। सीरम इंस्टिट्यूट ने कोरोना वायरस (Corona Virus) के खिलाफ बनाये टिके को ‘कोविशिल्ड’ (Covieshield Vaccine) नाम दिया है। इस नाम पर आपत्ति जताते हुए क्युटिस बायोटेक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है। क्युटिस ने अपनी याचिका ने उल्लेख किया है कि, “सीरम अपने टीके के लिए “कोविशिल्ड” नाम का उपयोग नहीं करें।”

क्युटिस बायोटेक ने कहा है कि, “‘कोविशिल्ड’ नामक ट्रेडमार्क पंजीकरण (Trademark Registration) के लिए हमने अप्रैल 2020 में आवेदन किया था। और ‘कोविशिल्ड’ नाम के तहत, कंपनी ने विभिन्न उत्पादों का निर्माण करके उन्हें बाजार में बेचा है। इसलिए सीरम को कोविशील्ड नाम का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।” 

वर्तमान में सभी की निगाहें सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) पर लगी है। सीरम ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका (Oxford-AstraZeneca) द्वारा विकसित एक टिके का उत्पादन कर रहा है।

गौरतलब है कि, हाल ही में सरकार ने सीरम के टिके को आपात उपयोग के लिए स्वीकृति दी है। साथ ही ‘कोविशिल्ड’ के लाखों खुराक बनकर तैयार है। और देश में अगले दस दिनों में टीकाकरण शुरू हो जाएगा। इस स्थिति में नांदेड़ के क्युटिस बायोटेक दवा कंपनी ने सीरम के खिलाफ मामला दर्ज किया है।