मुंबई. जहाँ एक तरफ अमेजन प्राइम वीडियो (Amazon Prime) पर प्रसारित वेब सीरीज ‘तांडव’ (Taandav) को लेकर बीजेपी (BJP) और मोदी सरकार (Narendra Modi) द्वारा विरोध किया जा रहा है। वहीं अब शिवसेना (Shivsena) ने भी अपने मुखपत्र सामना (Saamana) के माध्यम से बीजेपी को घेरा है।
आज सामना में अर्णब गोस्वामी चैट लीक केस (Arnab Goswami Chat Leak Case) के मुद्दे पर शिवसेना (Shiv Sena) ने बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए लिखा है कि, “एक तो ‘पुलवामा’ (Pulwama) में हमारे सैनिकों की हत्या, देश के अंदर रची गई राजनीतिक षड्यंत्र था। लोकसभा चुनाव जीतने के लिए 40 जवानों का निस्वार्थ खून बहाया गया। आरोप तो पहले भी ऐसे लगे थे। लेकिन अब अर्णब गोस्वामी की जो व्हाट्सएप चैट बाहर आई है, वह उन आरोप को और पुख्ता कर रही है। ये सब देखकर स्वयं श्रीराम भी अब अपना माथा पीट रहे होंगे। लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने इस पर ‘तांडव’ तो छोड़िए, कोई भांगड़ा तक भी नहीं किया।
यही नहीं सामना के इस लेख में यह भी लिखा गया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा से संबंधित अनेक गोपनीय बातें गोस्वामी ने सार्वजनिक कर दीं, इस पर बीजेपी कोई ‘तांडव’ क्यों नहीं करती? उधर चीन ने लद्दाख में घुसकर हिंदुस्तानी जमीन पर कब्जा कर रखा है। लेकिन चीन है कि पीछे हटने को तैयार नहीं, इस पर कोई ‘तांडव’ क्यों नहीं होता? गोस्वामी को गोपनीय जानकारी देकर राष्ट्रीय सुरक्षा की धज्जियां उड़ानेवाले असल में कौन थे, यह कम से कम लोगों को पता चलने दो। गोस्वामी द्वारा 40 जवानों की हत्या पर अपार आनंद व्यक्त करना, यह देश, देव और धर्म का ही एक बड़ा अपमान है।
सामना में आगे लिखा गया कि भारतीय जनता पार्टी अब हास्य-व्यंग्य का एक विषय बन कर रह गई है। रोज नए स्वांग-ढोंग रचकर जनता का मनोरंजन करने का प्रयोग तो वे करते ही रहते हैं, लेकिन अब उनके यह दोयम दर्जे के प्रपंची प्रयोग जनता को भी पसंद नहीं आते। ‘तांडव’ वेब सीरीज वर्तमान में प्रदर्शित हुई है। कहा जाता है कि यह सीरीज मौजूदा राजनीति की वास्तविकता पर आधारित है। दिल्ली की राजनीति, विश्वविद्यालयों में सियासी खींचतान, इस तरह के कुछ विषय इसमें दिखाए गए हैं।
लेकिन इस बीच इस सीरीज में हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में कुछ आपत्तिजनक संवाद होने का हो-हल्ला भारतीय जनता पार्टी ने जरुर मचाया। भगवान शंकर और नारद के संवाद में श्रीराम का उल्लेख भी एक उपहासात्मक तरीके से किए जाने का ‘तांडव’ बीजेपी ने शुरू किया। लेकिन यह भी सत्य है कि हिंदू देवी-देवताओं के संदर्भ में किसी भी प्रकार के अपमानजनक संवाद शिवसेना ने कभी भी बर्दाश्त नहीं किए हैं।
सामना आगे लिखता है कि यह भी उदहारण है कि एम.एफ हुसैन निसंदेह एक महान चित्रकार थे, लेकिन उन्होंने हिंदू देवताओं के चित्र जिस तरह से बनाए, उस पर शिवसेना ने अपनी कड़ी आपत्ति जताई थी। आगे यह विवाद इतना बढ़ा कि एमएफ हुसैन को देश छोड़कर ही जाना पड़ा। अर्थात हिंदू देवी-देवताओं के अपमान पर किसी भी स्थिति में समझौता संभव ही नहीं है, परंतु भारतीय जनता पार्टी ने जो ‘तांडव’ शुरू किया है, उसमें प्रामाणिकता का अंश कितना है, उस पर संदेह तो है ही। क्योंकि जो बीजेपी ‘तांडव’ के विरोध में मुंह उठा के खड़ी है, वही बीजेपी अब भारत माता का अपमान करनेवाले उस अर्णब गोस्वामी के संबंध में अपने मुंह में चुपचाप उंगली रखकर भी बैठी है। आखिर क्यों?
सामना के लेख में आगे लिखा गया है कि हिंदुस्थानी सैनिकों का व उनकी शहादत का अपमान जितना इस अर्नब गोस्वामी ने किया है, उतना अपमान पाकिस्तानियों ने भी शायद नहीं किया होगा। इसपर कांग्रेस के वरिष्ठ नेता व पूर्व रक्षा मंत्री एके एंटनी समेत सुशीलकुमार शिंदे, सलमान खुर्शीद और गुलामनबी आजाद ने भी बुधवार को पत्रकार परिषद में इस पूरे मामले की जांच कराने व ‘सरकारी गोपनीयता अधिनियम’ के तहत कार्रवाई करने की मांग की है। पूरे मामले को देशद्रोह बताते हुए कांग्रेस नेताओं ने इस मुद्दे को संसद सत्र में उठाने के संकेत भी दिए हैं। इस प्रकरण में जो सच्चाई है, उसे सरकार को बाहर लाना चाहिए।
गौरतलब है कि जिस प्रकार से सामना में शिवसेना ने बीजेपी और मोदी सरकार को घेरा है उससे लगता है कि इस मुद्दे पर राजनीति अभी और गरमाएगी और आगे शायद इस पर और भी टिका-टिपण्णी हो सकती है।