Corona Death
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  • मुंबई में कोरोना से 10 हजार मरीजों की मौत
  • राज्य में 43 हजार मरे

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मुंबई. मुंबई में कोरोना से होने वाली मौतों की संख्या  रोके नहीं रुक रही है. कुछ लोग सीना ठोंक कर कहते हैं कि कोरोना झूठ का पुलिंदा से ज्यादा कुछ नहीं है. मुंबई में मृतकों की बढ़ती संख्या उनकी गर्वोक्ति पर पानी फेरने के लिए काफी है जो सुरक्षा नियमों का पालन किए बिना सार्वजनिक स्थानों पर निकल रहे हैं. मुंबई में कोरोना से अब तक 10,059  परिवार उजड़ गये हैं. 

राज्य की हालत तो और भी बुरी है. राज्य में मृतकों का आंकड़ा  43,152 हो गया है. देश के किसी भी राज्य में इतनी मौते नहीं हुई है.  राज्य में हुई मौतों में एक चौथाई मौत मुंबई में हो चुकी है.

पालघर जिले में केवल 283 मरीजों की मौत

 मुंबई महानगरीय क्षेत्र में पालघर जिले के  ग्रामीण इलाकों में कोरोना से होने वाली मौतों पर रोक लगाने में कामयाब हुए हैं.  जिले की महानगर पालिका वसई- विरार को अलग कर दें तो पालघर जिले में केवल 283 मरीजों की मौत हुई है.  पिछले 9 दिन में सिर्फ 4 मरीजों की मौत हुई है. पालघर जिले की महानगर पालिका वसई-विरार में भी रोज 8 से 10 मरीजों की मौत हो रही है, लेकिन पालघर ग्रामीण में कोरोना से होने वाली मौतें लगभग थम गई है. पालघर ग्रामीण में शनिवार तक कुल 283 मरीजों की मौत हुई थी. पिछले 9 दिन में मात्र 4 मरीजों की मौत हुई है.15 अक्टूबर को मृतकों की संख्या यहां 279 थी. 23 अक्टूबर को  यह संख्या 283 पर पहुंची. पिछले 5 दिन में एक भी मरीजों की मौत नहीं हुई. 

मुंबई में रोज 45-50 मरीजों की हो रही मौत

मुंबई में कोरोना से होने वाली मौतों को रोकने में अपेक्षित सफलता नहीं मिल रही है. रोज 45 से 50 मरीजों की मौत हो रही है. महाराष्ट्र में मृतकों की संख्या में कमी आई है. रोज 300 मरीजों की मौत हो रही थी जो घट कर 150 से 200 के बीच रह गई है. मुंबई में होने वाली मौतों में खास फर्क नहीं पड़ा है. सितंबर की अपेक्षा मौतों की संख्या में कुछ कमी जरुर आई है, लेकिन अब भी रोज लगभग 50 मरीजों की मृत्यु हो रही है. 

राज्य की स्थिति भी कोमोबस मुंबई के जैसे ही

राज्य की स्थिति भी कोमोबस मुंबई के जैसे ही है. अब भी रोज 200 से ज्यादा मरीजों को अपनी जान गंवानी पड़ रही है. कारगर उपाय नहीं होने के कारण मृत्यु को कैसे कम करें डॉक्टरों को भी कोई उपाय नहीं सूझ रहा है.  कोरोना के लिए कारगर मानी जा रही रेमडेसिवीर दवा का सोच समझ कर उपयोग करने की सलाह कोरोना नियंत्रण समिति ने दी है. समिति ने पाया कि संक्रमण के एक-दो दिन में अच्छा परिणाम आ रहा है, लेकिन उसके बाद दवा घातक साबित होती है. 

मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट 

मरीजों की संख्या में तेजी से गिरावट आ रही है. पिछले 10 दिनों से मरीजों की संख्या 10 हजार से भी कम रही है. मरीजों की घटती संख्या को देखते हुए राज्य अनलॉक को और अधिक विस्तार दिया जा रहा है. गणेशोत्सव के बाद जिस तरह से मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई थी. विशेषज्ञ एक बार फिर आने वाले त्योहारों के सीजन को लेकर सरकार को आगाह कर रहे हैं.  राज्य में कुल मरीजों की संख्या 16 लाख 38 हजार 961 और मुंबई में 2 लाख 50 हजार 059 पर पहुंच गई है.