One more death from Kovid-19 in Jammu and Kashmir, death toll 54

  • मार्च से सितंबर तक प्रति दिन 305 लोगों की हुई मौत

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मुंबई. मुंबईकरों के लिए साल 2020 वाकई में दुख और तकलीफों भरा रहा है. मार्च से शुरू हुए कोरोना काल में सितंबर तक हुई कुल मौत के आंकड़ों में गत वर्ष की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

इन मौतों में सभी कारणों का समावेश है, लेकिन जानकारों की माने तो कोरोना  ने मौत के आंकड़े में काफी इजाफा किया.  कोरोना से होने वाली कुछ मौतें दर्ज नहीं हो पाए.

पिछले साल के मुकाबले ज्यादा मौत

मनपा के स्वास्थ्य विभाग से प्राप्त आंकड़ों पर नजर डाले तो वर्ष 2018 में मार्च से सितंबर तक मुंबई में 50,375, इसी दरमियान वर्ष 2019 में 52,022 और साल 2020 में मौत का यह आंकड़ा 65,319 तक पहुंच गया है. आंकड़े साफ दर्शातें है कि 2018 की तुलना में इस वर्ष 30 प्रतिशत  और 2019 की तुलना में 26 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

बीएमसी ने भी माना बढ़े मौत के आंकड़े

मनपा के अतिरिक्त आयुक्त सुरेश काकानी ने कहा कि 2018 की तुलना में 2019 में भी मौत के आंकड़े 2000 से बढ़े थे, लेकिन इस वर्ष मौत की संख्या काफी बढ़त हुई है. इसका एक कारण कोरोना भी है. सितंबर महीने के अंत तक लगभग 9 हजार लोगों ने वायरस से संक्रमित होने के बाद दम तोड़ा था. अब किस कारण लोगों की अधिक मौत हुई है, इसका पता तो साल समाप्त होने और मौत के कारणों की ऑडिट के बाद ही होगा. 

मौत के कई कारण

स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, मौत के कई कारण हो सकते हैं जैसे हार्ट अटैक, ब्रेन हेमरेज, लिवर-किडनी, मलेरिया, लेप्टो व अन्य बीमारियों का समावेश है. इसके अलावा एक्सीडेंट, सुसाइड और इस बार कोरोना महामारी है. इस बात को नकारा नहीं जा सकता है कि कुछ मामले रिपोर्ट ही न हुए हो.

प्रति दिन 305 ने तोड़ा दम

सवा करोड़ से भी ज्यादा की आबादी वाले शहर में मार्च से सितंबर के बीच मौत के आंकड़ों का आकलन करे तो औसतन रोजाना 305 लोगों ने अपनी जान गवाई है. जबकि यही आंकड़ा 2019 में 243 प्रति दिन और 2018 में 235 प्रति दिन था.