रेलवे स्टेशनों पर उमड़ रही प्रवासियों की भीड़

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मुंबई. लॉकडाउन में मुंबई व उपनगरों में फंसे प्रवासियों के लिए श्रमिक ट्रेन छोड़े जाने को लेकर राज्य सरकार व रेलवे के बीच समन्वय न होने से स्टेशनों पर भारी भीड़ जमा हो रही है.श्रमिक ट्रेन के मामले में रेल मंत्रालय और राज्य सरकार के बीच अभी भी विवाद जारी है.

रेलमंत्री कर रहे हैं राजनीति 

मंगलवार की देर रात से लेकर बुधवार की सुबह तक सीएसएमटी,एलटीटी,ठाणे, कल्याण,वसई,भिवंडी आदि स्टेशनों पर बड़ी संख्या में गांव जाने के लिए प्रवासी इकट्ठा हो गए.एनसीपी नेता और राज्य के कैबिनेट मंत्री नवाब मालिक ने आरोप लगाया कि रेलमंत्री पियूष गोयल राजनीति कर रहे हैं.नवाब मालिक के अनुसार एलटीटी से 49 ट्रेन छोड़ने को कहा गया था, लेकिन डीआरएम का कहना था कि 16 ट्रेनों से ज्यादा छोड़ नहीं सकते.मुंबई के स्टेशनों पर प्रवासियों की भारी भीड़ जमा होने के बाद भी ट्रेन रद्द किये जाने की शिकायत हो रही है.

राज्य व रेल के बीच समन्वय का अभाव

उधर रेल प्रशासन का भी कहना है कि राज्य सरकार की तरफ़ से समय पर यात्रियों की सूची नहीं दी जाती. प्लेटफार्म पर गाड़ी लगाए जाने के बाद भी समुचित यात्री नहीं पहुंचते. मंगलवार की शाम को ठाणे से केरल के लिए गाड़ी मांगी गई, लेकिन 400 से ज्यादा यात्री नहीं जुटे .ठाणे स्टेशन पर भी वाराणसी जाने के लिए काफी यात्री जुटे थे,लेकिन ट्रेन शेड्यूल नहीं की गई.इस दौरान सांसद राजन विचारे एवं जीआरपी की महिला अधिकारी के बीच काफी नोंक-झोंक भी हुई.इसी तरह सीएसएमटी स्टेशन पर भी यूपी-बिहार जाने वाले प्रवासियों की काफी भीड़ जमा हो रही है.

 

बड़ी संख्या में पलायन कर रहे प्रवासी

रेल प्रशासन का कहना है,कि राज्य प्रशासन के माध्यम से समय पर गंतव्य और यात्रियों की जानकारी न मिलने से ट्रेनों की शेड्यूलिंग में दिक्कतें आती हैं.ट्रेन शेड्यूल होने पर भी समय पर  यात्री स्टेशन पर नहीं पहुंच पाते. सीएसएमटी, एलटीटी, ठाणे, कल्याण, पनवेल, भिवंडी, वसई, बांद्रा टर्मिनस, बोरीवली, पालघर इन स्टेशनों से रोज श्रमिक ट्रेनें रवाना की जा रही हैं. मुंबई के अलावा ठाणे,पालघर, रायगड़ जिले के उपनगरों में रहने वाले यूपी-बिहार के प्रवासी बड़ी संख्या में अभी भी पलायन कर रहे हैं.बुधवार को ठाणे,कल्याण से वाराणसी के लिए दो ट्रेनें रवाना की गई.