- राज्य में 9 एचआईवी मरीज थे कोरोना संक्रमित
मुंबई. मुंबई सहित पूरे राज्य में कोरोना बीमारी ने कोहराम मचाया है.यह बीमारी उन लोगों के लिए और भी बड़ी परेशानी बनी हुई है जो पहले से ही अन्य बीमारी से परेशान है. अच्छी बात यह है कि कैंसर बीमारी के बाद अब एचआईवी के मरीज भी कोरोना को मात देने में सफल हो रहे हैं.
एचआईवी जैसी लाइलाज बीमारी में मरीजों को अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है. वर्तमान में राज्य में 2 लाख 17 हजार लोग एचआईवी के साथ जी रहे हैं, जिसमें 9 लोग कोरोना से संक्रमित हुए हैं, जबकि मुंबई जिला एड्स नियंत्रण सोसाइटी (एमडैक्स) के अनुसार मुंबई में लगभग 40 हजार लोग हैं जो एचआईवी के साथ जी रहे हैं, जिसमें से 6 लोग कोरोना से संक्रमित हुए और पूरी तरह ठीक भी हो गए हैं.
तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया
एमडैक्स की निदेशक डॉ. श्रीकाला आचार्य ने बताया कि एचआईवी के साथ जी रहे लोगों को सीडी 4 काउंट (रोग प्रतिरोधक क्षमता) बनाए रखने पर ही जोर दिया जाता है क्योंकि रोग प्रतिरोधक क्षमता यदि कम हो तो उन्हें कोई भी बीमारी तुरंत अपनी गिरफ्त में ले सकती है. हमारे 6 मरीज कोरोना से संक्रमित पाए गए उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती किया गया उनमें सौम्य लक्षण थे. इलाज और देखभाल के बाद वह ठीक हो कर निकले हैं.
43 सामाजिक संगठनों की मदद
इस कोरोना काल में कई मरीज दवाई लेने के लिए ट्रीटमेंट सेंटर तक भी नहीं पहुंच पा रहे थे. इस संकट की परिस्थिति में राज्य एड्स नियंत्रण सोसाइटी के साथ कार्य कर रहे 43 सामाजिक संगठनों ने अहम भूमिका निभाई है.मरीज़ों के घरों तक दवाई पहुंचाने का कार्य इन संगठनों ने किया है.नेटवर्क ऑफ महाराष्ट्र पीपल लिविंग विथ एचआईवी एड्स पुणे के संचालक मनोज परदेशी ने कहा कि घर से बाहर निकलना भी मरीजों के लिए जोखिम भरा कार्य है. शहर में तो ठीक है, लेकिन हमने गांवों में भी मरीज़ों तक अति आवश्यक दवाइयां पहुंचाई है ताकि उनके स्वास्थ्य के साथ कोई समझौता न हो.