मुंबई. कोरोना संकट के कारण महीनों तक बंद रहे जीजामाता उद्यान (Jijamata Udyaan) (रानीबाग) में आने वाले पर्यटक जल्द ही जिराफ (Giraffe) , जेब्रा (Zebra), सफेद शेर, ब्लैक जगुवार, चीता, चिम्पैंजी (Chimpanzee), ऑस्ट्रेलियन शुतुरमुर्ग, वॉल्वी और अन्य जानवर को प्रत्यक्ष देख सकेंगे। बीएमसी (BMC) इसके लिए 49.67 करोड़ रुपए की लागत से 10 एकड़ जमीन पर अलग बाड़ा बनाने जा रही है। बीएमसी ने बाड़ा बनाने के लिए रिक्वेस्ट ऑफ प्रपोजल मंगवाया है।
जीजामाता प्राणी उद्यान के निदेशक डॉ. संजय त्रिपाठी (Dr. Sanjay Tripathi) ने बताया कि रानीबाग से ही सटे 10 एकड़ भूमि जू के लिए प्राप्त हुई है। जिसमें हम विदेशी जानवरों के लिए अलग बाड़ा बनाएंगे। कुल 17 बाड़ा बनाया जाएगा, दो बड़े बाड़ों में बड़े जानवरों को रखा जाएगा, जबकि 15 छोटे बाड़ों में छोटे जानवरों के लिए रखने के लिए बनाए जाएंगे।
आधुनिक बन रहा रानीबाग
कुछ साल पहले इस जू में केवल हिरन और दरियायी घोडा ही जैसे जानवर रह गए थे, लेकिन अब इसे आधुनिक बनाने की प्रक्रिया तेजी से शुरु है। एक वर्ष पहले कई बाघ, लकडबग्घे सहित कई जानवरों को लाया गया है। अब विदेशी जानवरों को लाने की प्रक्रिया से पहले उद्यान के विकास का काम शुरू है। इसमें 10 पिंजरा बनाया जा रहा है, जिसमें बाघ, चीता, देशी भालू, कोल्हा, तरस , दो पक्षी पिंजरा, बारासिंघा, सांबर, चीतल और बत्तख रखे जाएंगे। अन्य सात पिंजरों का काम चल रहा है, जिसका मार्च 2021 तक पूरा होने की उम्मीद है।
प्राणी संग्रहालय व उद्यान विभाग के पुराने कार्यालय को तोड़ कर उसकी जगह नया संकल्प उद्यान का निर्माण किया जा रहा है। इस इमारत में मुंबई के इतिहास की जानकारी होगी। इमारत के पहली मंजिल पर पर्यटक मुंबई के दर्शनीय स्थालों जैसे गेटवे ऑफ इंडिया, नेशनल पार्क, मैंग्रोवस क्षेत्र और मुंबई के समुद्री किनारों की झलक का नजारा ले सकेंगे।
-डॉ संजय त्रिपाठी, निदेशक जीजामाता प्राणी उद्यान, भायखला