प्याज ने निकाले लोगों के आंसू, 4 गुना हुई प्याज की कीमतें

  • आलू भी 15 रुपए महंगा
  • 25 से 50% महंगी हुई अन्य सब्जियां

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मुंबई. कोरोना महामारी के कारण आर्थिक संकट से जूझ रही आम जनता की दिक्कतें बढ़ती जा रही है. अब प्याज-आलू की महंगाई ने त्योहारी सीजन में घर खर्च बढ़ा दिया है. अप्रैल-मई में 15 से 20 रुपए बिकने वाला प्याज तो अब खुदरा में 80 से 100 रुपए बिक रहा है. यानी कीमतों में 4 गुना का भारी इजाफा. प्याज कीमतों में उछाल का असर आलू और अन्य सब्जियों पर भी पड़ रहा है.

आलू के दाम 50 रुपए तक पहुंच गए हैं, जो 2 महिने पहले तक 35 रुपए के आसपास थे. अन्य सब्जियों की खुदरा कीमतें भी 25 से 50% तक बढ़ गई है. 

क्यों बढ़ी महंगाई?

प्याज की कीमतों में 4 गुना की भारी वृद्धि होने के वैसे तो कई कारण हैं, लेकिन सबसे बड़ा कारण प्याज के प्रमुख उत्पादक राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक और मध्य प्रदेश में पिछले दिनों हुई भारी बारिश है, जिसकी वजह से इन राज्यों में प्याज की फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. व्यापारियों का कहना है कि इस साल कोरोना संकट और लॉकडाउन में आलू-प्याज की खपत करीब 20% ज्यादा हुई. क्योंकि लॉकडाउन में अन्य सब्जियों की आवक नहीं थी. दूसरे, इस साल प्याज का निर्यात भी ज्यादा हुआ. तीसरा सबसे बड़ा कारण इस साल अधिक और बैमोसमी बरसात होना है. प्याज कीमतों में तेजी का रूख तो अगस्त से ही बनने लगा था, तभी सितंबर में सरकार ने प्याज निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था.

भारी बारिश ने बिगाड़ी प्याज की फसल

व्यापारियों के अनुसार, अक्टूबर में बैमोसमी भारी बारिश से प्याज की कीमतें भड़क उठी हैं. क्योंकि इससे ना केवल प्याज की फसल को 40 से 50% का भारी नुकसान पहुंचा है बल्कि नमी पैदा होने से किसानों के पास रखा स्टॉक भी खराब हो गया है. तभी मंडियों में जो प्याज आ रहा है, वह 75 से 80% हल्की क्वालिटी का है और नमी के कारण जल्दी खराब हो रहा है. अच्छी क्वालिटी का अधिकांश प्याज तो पहले ही निर्यात हो चुका है. इसलिए अक्टूबर में प्याज के दाम तेजी से बढ़ रहे हैं.

बुवाई में देरी से आलू महंगा

प्याज के महंगा होने का असर आलू पर भी पड़ रहा है. वैसे आलू की फसल भी प्रभावित होने से यह भी महंगा हो रहा है. व्यापारियों का कहना है कि प्याज उत्पादक राज्यों में भारी बारिश हो रही है और आलू के प्रमुख उत्पादक उत्तर प्रदेश में इस साल बारिश कम है. ‍लिहाजा वहां बुवाई में करीब एक माह की देरी हो गई है. अब यूपी का नया आलू दिसंबर में ही आने की उम्मीद है. अन्यथा नवंबर में ही आवक शुरू हो जाती है. इस साल खपत बढ़ने से आलू का स्टॉक भी कम बचा है. 

कीमतें जल्द घटने के आसार कम

“प्याज के दाम जल्द घटने के आसार नहीं दिख रहे हैं. क्योंकि इस साल लॉकडाउन के कारण ज्यादा खपत, ज्यादा निर्यात होने से स्टॉक कम हो गया है और अब महाराष्ट्र और कर्नाटक में भारी बारिश से फसल को भारी नुकसान पहुंचा है. मंडियों में भीगा हुआ प्याज ही ज्यादा आ रहा है, जो जल्दी खराब हो रहा है. इसलिए दिसंबर तक आलू-प्याज महंगा ही रहने की संभावना दिख रही है. हालांकि सरकार द्वारा अब आयात के निर्णय से तेजी पर अंकुश लगने की उम्मीद है.” -राजीव मणियार, मानद सचिव, आलू-प्याजव्यापारी संघ     

आलू-प्याज की महंगाई ने बढ़ाया घर खर्च

“आलू-प्याज और अन्य सभी सब्जियों के महंगा होने से हमारा रसोई का खर्च 50% तक बढ़ गया है. इस महंगाई में रोज सब्जी बनाना मुश्किल हो रहा है. कोरोना संकट के कारण परिवार की आमदनी तो पहले ही कम हो चुकी है. सरकार से हम मिडल क्लास परिवारों को तो कोई मदद मिली नहीं. अब सब्जियों की रोज बढ़ती कीमतों में हम घर कैसे चलाए, यह बड़ी चिंता है.” -वंदना शर्मा, गृहिणी