अनलॉक से खुला दुकानों का ताला

Loading

  • फिर से वही, खईके पान बनारस वाला
  • पुराने अंदाज में ‘कत्थे’ पर लगने लगा ‘चूना’
  • लौट रही रौनक, प्रशासन की सशर्त अनुमति
  • सोशल डिस्टेंसिंग के साथ 9 से 7 बजे तक खुली रहेंगी दुकानें 

मुंबई. पिछले साढ़े चार महीने से बंद पान की दुकानें नए अनलॉक नियमों के तहत फिर से खुल गयी हैं. इसके चलते पान की दुकानों पर फिर से रौनक लौटने लगी है. पान की दुकानों से जुड़े छोटे और मझोले कारोबारियों में उत्साह देखने को मिल रहा है. पान पर कत्था और चूना लगाते दुकानदार प्रफुल्लित नजर आ रहे हैं. नवभारत ने मुंबई में कई महीनों से बंद पान की दुकानों और इससे जुड़े व्यापारियों की समस्या को उठाया था, जिसके चलते सरकार के अनलॉक नियमों में इन्हें भी शामिल किया गया. 

छोटे-छोटे काम धंधों से परिवार का पालन पोषण करने वाले पनवड़ियों कि हालत तो बद से बदतर हो गयी थी जिन्हें अब राहत मिली होगी. मुंबई में हजारों की संख्या में छोटी बड़ी पान की टपरी और दुकानें चलाकर परिवार पालने वाले पनवड़ियों ने प्रशासन द्वारा निर्धारित नियमों का पालन शुरू कर दिया है.

 पान मंडी में फिर से बहार देखने को मिल रही

दक्षिण मुंबई के गुलालवाड़ी, भंडारी स्ट्रीट आदि परिसरों की पान मंडी में फिर से बहार देखने को मिल रही है. 4 महीने से बेकार बैठे पान का पुश्तैनी कारोबार करने वाले चौरसिया समाज के लोग फिर से सक्रिय हो गए हैं. सुबह 4 बजे ट्रकों से पान की आमद शुरू हो गई है. टोकरियों के साथ थोक पान बाजार में हलचल बढ़ गई है. चौरसिया समाज के रामकुमार चौरसिया ने बताया कि मजदूरों की कमी से हमको ही जुटना पड़ रहा है लेकिन खुशी भी है कि बंद धंधा फिर से चालू हो गया है.

अब ग्राहकों का इंतजार

कोरोना के इस संकट काल में पहली बार इतनी लंबी चली बंदी देखने को मिली. सरकार में अपने अनलॉक योजना में अन्य दुकानों के साथ हमें भी कुछ नियम और शर्तों के साथ अनुमति दी है. सुबह 9 से शाम 7 बजे तक ही दुकानें खुली रखनी है. लेकिन अब हमें ग्राहकों का इंतजार है. पिछले चार महीने से दुकान बंद थे फिर भी कर्मचारियों को पगार दे रहे थे. -त्रिवेणी उपाध्याय, त्रिवेणी पान भंडार.

रफ्तार पकड़ने में वक्त लगेगा

अंततः प्रशासन ने अनलॉक प्रक्रिया जारी रखी है. इससे पान दुकानदारों को बड़ी राहत मिली है. जिस तरह से पहले ग्राहकों की भीड़ लगती थी अभी उस रफ्तार को पकड़ने में वक्त लगेगा. पुश्तैनी धंधा है, कर रहा हूं. विश्व रिकॉर्ड बुक ऑफ गिनीज में मिले स्थान की गरिमा बनाए रखने के लिए क्वालिटी मेंटेन रखना पड़ता है. पिछले चार महीने की बंदी ने काफी नुकसान किया है. -विनोद कुमार तिवारी, घंटावाला पान मंदिर

भगवान का लाख लाख धन्यवाद

कोरोना के इस संकट काल ने सतर्कता और सावधानी की सीख दी है. भगवान का लाख लाख धन्यवाद है कि सरकार ने अनलॉक योजना में पान की दुकानों को भी शामिल किया है. कोरोना ने धंधे पर ऐसा संकट पैदा कर दिया था कि परिवार संभालना मुश्किल हो गया था. बहरहाल हम सोशल डिस्टेंसिंग के साथ ही ग्राहकों को पान दे रहे हैं.पिछले चार महीने से सिर्फ इंतजार ही कर रहे हैं. -प्रदीप शर्मा, सूर्यवंशी पान भंडार

डूबते को तिनके का सहारा

कोरोना के संकट काल में आखिर चार महीने बाद दुकान खुली. ऐसा लगा मानो डूबते को तिनके का सहारा मिल गया हो. जिस तरह से कोरोना ने जनजीवन अस्त व्यस्त कर दिया है, सभी काम धंधे प्रभावित हो गए हैं. उसी में पान की दुकानें भी हैं. सप्ताह में 5 दिन, सोमवार से शुक्रवार तक ही खोलने की परमिशन दी गई है. बहरहाल पान की दुकानों पर फिर से रौनक लौट रही है. 

-दीपक त्रिपाठी, डमरू पान वाला