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नागपुर. सिटी में 19 मार्च से 19 जून तक कोरोना पाजिटिव मरीजों की संख्या केवल 521 थी और केवल 10 लोगों की ही मौत हुई थी. लेकिन आज 1500 से अधिक की मौत हो गई है और एक्टिव केस 12000 के करीब पहुंच गए हैं. हालत यह है कि मनपा के कंट्रोल रूम के फोन नंबर 2567021 पर पीड़ित फोन लगाते हैं तो 2-3 घंटे तक कोई उठाने वाला नहीं होता.

कंट्रोल रूम को निजी अस्पतालों द्वारा भी सही जानकारी नहीं दी जा रही है. कई निजी अस्पतालों में मरीजों से 3 से 10 लाख रुपये तक बिल वसूला जा रहा है लेकिन मनपा प्रशासन का कोई नियंत्रण नहीं है. राकां के प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश आर्य ने मनपा के अतिरिक्त आयुक्त से मुलाकात कर इन समस्याओं की ओर ध्यान आकर्षित किया. उन्होंने यह भी बताया कि निजी अस्पतालों द्वारा इंश्योरेंस नहीं लिया जा रहा है और नगदी पैसों की मांग की जा रही है. जबकि केन्द्र सरकार ने निजी अस्पातोलं को 20 प्रतिशत पैसे ही लेने का आदेश दिया है.

निजी अस्पतालों में बिठाएं कोरोना मित्र
आर्य ने मांग की है कि सभी निजी अस्पतालों में मनपा कोरोना स्वास्थ मित्र बिठाए और वह मरीजों को बिल और कितने मरीज भर्ती है उसकी जानकारी हर घंटे मनपा को देगा. अगर मरीज के पास पैसे नहीं हैं तो उसे एडमिट होने से 48 घंटों का समय दिया जाना चाहिए. अगर अस्पताल इंश्योरंस कोरोना मरीजों को नहीं लेता है तो उसकी शिकायत इंश्योरेंस कंपनी में करनी चाहिए. प्रत्येक निजी अस्पताल में 80 प्रतिशत बेड और 20 प्रतिशत बेड के रेट की सूची मरीजों को बतानी चाहिए.