corona
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  • 8,592 अस्पतालों में भर्ती
  • कोरोना विस्फोट चरम पर
  • 36,936 एक्टिव केस
  • 28,344 होम क्वारंटाइन

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नागपुर. कोरोना विस्फोट अब संभाले नहीं संभल पा रहा है. मौतों का सिलसिला जारी है और अस्पतालों में मरीजों की भीड़ तेजी से बढ़ने के चलते डॉक्टरों व स्टाफ की कमी महसूस होने लगी है. शुकवार को जिले में सर्वाधिक 4,095 नये पॉजिटिव मरीज मिले हैं जिसमें 2,966 सिटी के और 1,126 जिले के ग्रामीण भागों के हैं. अब सिटी के साथ ही ग्रामीण भागों में भी कोरोना अपनी दहशत पसार रहा है. इतनी तेजी से संक्रमण फैलने के बाद भी बाजारों में भीड़ का नजारा है और लोग सुनने को तैयार नहीं हैं.

प्रशासन व जनप्रतिनिधियों द्वारा की जा रही अपील भी जनता नहीं सुन रही हैं. शुक्रवार जिले में 35 कोरोना संक्रमितों की मौत हो गई जिन्हें मिलाकर मरने वालों की कुल संख्या 4,819 पह पहुंच गई है. डॉक्टरों का कहना है कि कोरोना का नया स्ट्रेन पहले से अधिक खतरनाक है और यह तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है. उपचार में देरी या लापरवाही से जान को खतरा हो सकता है. हालत यह हो गई है कि जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों में 8,592 संक्रमति भर्ती होकर अपना इलाज करवा रहे हैं. वहीं 28,344 को होम क्वारंटाइन किया गया है.

रिकवरी रेट और नीचे आया

जिले में शुक्रवार को स्वस्थ होने वालों की संख्या 1,943 रही लेकिन इससे कहीं अधिक नये पॉजिटिव रोजाना ही मिल रहे हैं. जिसके चलते रिकवरी रेट काफी नीचे आ गया है. दीवाली के पहले जो 96 प्रतिशत तक पहुंच चुका था अब घिसर कर 80.23 प्रतिशत पर उतर गया है. प्रशासन ने टेस्टिंग की संख्या बढ़ा दी है साथ ही वेक्सीनेशन को और तेज करने की कवायद की जा रही है. जिले में अब तक कुल पॉजिटिव की संख्या 2.11 लाख से ऊपर पहुंच चुकी है. वहीं, स्वस्थ होने वाले की संख्या 1.69 लाख से ऊपर है. इस महामारी की दूसरी लहर ने जो कहर बरपाना शुरू किया है उससे प्रशासन भी हिल गया है. छूट के साथ लॉकडाउन का कोई अर्थ नहीं निकल रहा है. लोग सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं कर रहे हैं जिसके चलते संक्रमण तेजी से बढ़ता ही जा रहा है. 

भटक रहे मरीज

एक बार फिर ऐसे हालात बन गए हैं कि संक्रमित मरीज अस्पतालों में बेड के लिए भटक रहे हैं. सरकारी अस्पतालों में तो ऑक्सीजन बेड के लिए वेटिंग चल रही है. जैसे-जैसे बेड खाली होते हैं मरीज को शिफ्ट किया जाता है. अचानक बढ़ गए मरीजों के कारण मेडिकल की कैजुअल्टी में एक बेड पर 2-3 लोगों को रखने की स्थिति आ गई है. मेडिकल में तो कुछ डॉक्टरों व स्टाफ के भी संक्रमित होने की खबर है. इससे स्टाफ में भी डर का माहौल है. ड्यूटीरत डॉक्टरों व नर्सों पर प्रेशर बढ़ गया है. डॉक्टरों ने भी नागरिकों से अपील की है कि वे अपने आपको भीड़ में जाने से बचाएं और संक्रमण से बचें. कार्यस्थलों पर मास्क पहनें, सैनिटाइजनर का उपयोग करें. बेहद जरूरी कार्य होने पर ही घरों से बाहर निकलें.