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  • फीस नहीं भरने पर बंद कर की जा रही आनलाइन क्लासेस

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नागपुर. शिवसेना ने राज्य सरकार ने निजी स्कूलों की मनमानी पर अंकुश लगाने की मांग की है. शिवसेना नेता सिद्धेश्वर कोमजवार और कार्यकर्ताओं ने राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षा मंत्री उदय सामंत को निवेदन देकर कहा है कि राज्य में निजी स्कूल पूरी मनमानी कर रहे हैं. अभिभावकों के हाथ में रोजगार नहीं है इसके बावजूद स्कूल उनका पूरा शोषण कर रहे हैं.

कई पालकों ने शिकायत की है कि स्कूलों ने पहले आनलाइन कक्षाएं शुरू की और उसके बाद फीस पर अड़ गए हैं. दूसरी ओर शिक्षकों के नाम पर फीस भरवाकर शिक्षकों को आधी की तनख्वाह दी जा रही है. कई शिक्षकों की छंटनी की गई है. नान टीचिंग स्टाफ भी कम कर दिया है. सफाई, बिजली बिल जैसे कई खर्च भी कम हो चुके हैं. फिर भी स्कूल पूरी फीस वसूल रहे हैं.

पालक ऐसे निजी स्कूलों से आग्रह कर रहे हैं कि फीस कुछ कम ली जाए पर स्कूल फीस पर अड़े हैं. जिन स्कूलों की आनलाइन कक्षाएं शुरू हैं वे सितंबर में टेस्ट परीक्षा लेने वाले हैं. जिन पालकों ने फीस नहीं दी है, उन्हें अब परीक्षा से बाहर करने की धमकी दी जा रही है. ऐसी लूट बचाने वाले स्कूलों में शहर के सभी प्रतिष्ठित निजी स्कूल शामिल हैं.

सरकारी नियमों की धज्जियां उड़ाईं
कोमजवार ने ज्ञापन में कहा है कि निजी स्कूल सरकार के नियमों की खुली अवहेलना कर यूनिफार्म, स्टेशनरी, किताबें आदि बेच चुके हैं और बेच रहे हैं. ऐसे स्कूलों पर कड़ी कार्रवाई करें. स्कूल एक रुपए भी फीस छोड़ने को तैयार नहीं हैं. जो अभिभावक ऑॅनलाइन नहीं पढ़ा रहे हैं उन्हें बच्चे का भविष्य चैपट होने की धमकी दी जा रही है. जो पालक फीस नहीं भर रहे हैं उन्हें बच्चे को अगली कक्षा में प्रवेश नहीं देने की धमकी दी जा रही है.

शिष्टमंडल में आशीष देशमुख, राजेश वाघमारे, दीपक पोहनकर, विनोद शाहू, शैलेंद्र आंबिलकर, प्रवीण देशमुख, अक्षय वाकडे, हिमांशु ठाकरे, सागर चरडे, सुरेश कदम, शंकर बेलखोडे, जितू गभणे, मोहन शनेश्वर, अजय गायकवाड़, कार्तिक नारनवरे का समावेश था.