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    नागपुर. मनपा में सत्तापक्ष भाजपा के लिए भले ही वित्तीय वर्ष 2021-22 चुनाव के पहले का वर्ष हो, लेकिन कोरोना की मार के चलते बजट में इसकी झलक देखने को नहीं मिली है. पूरी तरह राज्य सरकार के अनुदान 1,418.80 करोड़ के भरोसे ही अब वित्तीय वर्ष 2021-22 के लिए 2,796.07 करोड़ का बजट स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर द्वारा पेश किया गया. विशेषत: 320 करोड़ की पहले की बचत को मिलाकर 2,476.07 करोड़ की संभावित आय होने की आशा जताई गई है.

    आश्चर्यजनक यह है कि सत्तापक्ष के लिए यह चुनावी वर्ष होने के बावजूद गत वर्ष की तुलना में केवल 65 करोड़ की वृद्धि की आशा जताई गई है. जबकि शहर में कई तरह के प्रकल्प होने का दावा किया जा रहा है. जिससे मनपा को अच्छी आय होने का डंका पीटा जा रहा है. हालांकि गत वर्ष का बजट भी कोरोना महामारी की भेंट चढ़ गया, अब वैज्ञानिकों के अनुसार तीसरी लहर की संभावना के चलते यह बजट कितना कारगर साबित होगा, इसे लेकर भी चर्चा की जा रही है.

    सम्पत्ति कर और जल कर से आय में वृद्धि 

    स्थायी समिति सभापति प्रकाश भोयर द्वारा पेश किए गए बजट में वित्तीय वर्ष 2021-22 में सम्पत्ति कर से 289.43 करोड़ और जल कर से 201.02 करोड़ की आय होने की संभावना जताई जा रही है. जबकि कोरोना के संकटकाल में लोगों के रोजगार छीन जाने तथा जनता की आर्थिक स्थिति खराब होने के कारण विशेष रूप से इन दोनों से आय कम होने का अनुमान विशेषज्ञों द्वारा लगाया जा रहा है. इसका अंदाजा होने के कारण स्थायी समिति सभापति ने बजट में सम्पत्ति कर में छूट के लिए अभी से योजना की घोषणा तक कर दी है. जिसके अनुसार यदि 30 जून तक कर अदा किया गया तो सामान्य कर में 10 प्रतिशत तथा 31 दिसंबर तक कर अदा किया गया तो सामान्य कर में 5 प्रतिशत की छूट देने की वकालत की है. विशेष रूप से गत वर्ष भी इस तरह की छूट प्रदान की गई थी. इसके बावजूद गत बजट में सम्पत्ति कर से 223.35 करोड़ और जल प्रदाय के माध्यम से 175 करोड़ प्राप्त होने का लक्ष्य रखा गया था. 

    इस तरह होगी आय

    एलबीटी : 4.00 करोड़

    सम्पत्ति कर : 289.43 करोड़

    राजस्व अनुदान : 1,418.80 करोड़

    जलप्रदाय : 201.02 करोड़

    बाजार : 00.51 करोड़

    स्थावर विभाग : 04.95 करोड़

    अग्निशमन : 01.75 करोड़

    नगर रचना : 86.19 करोड़

    स्वास्थ्य : 8.84 करोड़

    पीडब्ल्यूडी : 0.81 करोड़

    अन्य : 459.79 करोड़

    इस तरह होगा खर्च

    आस्थापना खर्च : 685.16 करोड़

    प्रशासकीय खर्च : 83.12 करोड़

    दुरुस्ती और सुस्थिति : 427.21 करोड़

    योजनाओं पर खर्च : 200.16 करोड़

    पूंजी निवेश : 800.80 करोड़

    पूंजी अनुदान : 364.21 करोड़

    कर्ज भुगतान : 101.01 करोड़

    अनुदान खर्च : 32.48 करोड़

    जमा खर्च : 80.86 करोड़

    अग्रिम खर्च:  15.65 करोड़

    आयुक्त के बजट से कम का बजट

    मनपा के खाते में पूर्व की बचत के आधार पर भले ही आम बजट आयुक्त के प्रस्तावित बजट से अधिक का दिखाई दे रहा हो लेकिन वास्तविक रूप में स्थायी समिति सभापति की ओर से इस वित्तीय वर्ष में केवल 2,476.07 करोड़ की ही आय होने की संभावना जताई है. जिसके अनुसार आयुक्त के बजट से 131 करोड़ कम का बजट पेश किया गया है. अब तक की परिपाठी के अनुसार हमेशा ही मनपा आयुक्त के बजट की तुलना में आम बजट को अधिक रखा जाता रहा है. स्थायी समिति सभापति भोयर ने कहा कि वर्तमान में कोरोना की स्थिति को देखते हुए वास्तविक बजट पेश करने का पूरा प्रयास किया गया है.