नागपुर. चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद बोबड़े की मां के साथ 1 कर्मचारी द्वारा ही 2.50 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी किए जाने का सनसनीखेज मामला सामने आया है. सीपी अमितेश कुमार ने प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच के आदेश दिए हैं. इस प्रकरण में पुलिस ने 2 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है. पकड़े गए आरोपियों में तापस घोष और उसकी पत्नी का समावेश है.
आकाशवाणी चौक पर बोबड़े परिवार की पैतृक संपत्ति है, जिसकी मालिक जस्टिस बोबड़े की मां मुक्ता हैं. उन्हीं के घर की बगल में सिजन लॉन भी बना हुआ है. इस लॉन की देखरेख के लिए 13 वर्ष पहले तापस घोष को रखा गया था. बुकिंग का जिम्मा और मेंटेंनेन्स तापस और उसकी पत्नी पर ही था. कोई पूछताछ और निगरानी करने वाला नहीं था. इसी का फायदा उठाकर तापस और उसकी पत्नी ने हेराफेरी शुरू कर दी.
लॉन की बुकिंग राशि ज्यादा लेकर तापस रिकॉर्ड में कम बताता था. कई बुकिंग उसने बगैर रसीद के कर दीं. सारा माल घोष दंपति पचा लेते थे. लॉकडाउन के दौरान भी लॉन में कई शादियों की बुकिंग हुई थी. तापस ने लोगों से बुकिंग की रकम ली, लेकिन शादियां कैंसिल होने के बावजूद लोगों को रकम नहीं लौटाई. इसीलिए कुछ लोगों ने बोबड़े परिवार से शिकायत की. तापस और उसकी पत्नी से पिछले 4 वर्षों का लेखा-जोखा मांगा गया. उसने बुकिंग की फर्जी रसीदें पेश कीं. पूरा व्यवहार खंगालने पर पता चला कि तापस ने मोटी रकम का गबन किया है.
फर्जी तरीके से हस्ताक्षर और अंगूठे लेकर उसने बैंक से पैसे निकाले थे. सोलर प्लांट और फेब्रिकेशन का काम बताकर भी उसने मोटी रकम ली, लेकिन पेमेंट हुआ ही नहीं था. 2016 से अगस्त 2020 तक तापस और उसकी पत्नी द्वारा 2.50 करोड़ रुपये का गबन किए जाने की बात सामने आई. सीताबर्डी पुलिस से शिकायत की गई. प्राथमिक जांच के बाद तापस और उसकी पत्नी के खिलाफ विविध धाराओं के तहत धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया.
मंगलवार देर रात पुलिस ने तापस को गिरफ्तार किया, जबकि बुधवार को उसकी पत्नी की गिरफ्तारी हुई. दोनों को न्यायालय में पेश किया गया. अदालत ने उन्हें 16 दिसंबर तक पुलिस हिरासत में रखने के आदेश दिए हैं. सीपी अमितेश कुमार ने बताया कि मामला की जांच ईओडब्ल्यू के अधिकारी द्वारा की जा रही है. डीसीपी जोन-2 विनीता शाहू को पूरी जांच की निगरानी करने के आदेश दिए हैं.