नागपुर. जीरो माइल ऐतिहासिक धरोहर के ग्रेड-1 में होने के बावजूद इसकी दुर्दशा तथा कस्तूरचंद पार्क की हालत भी खराब होने को लेकर छपी खबरों पर स्वयं संज्ञान लेते हुए हाई कोर्ट की ओर से इसे जनहित याचिका के रूप में स्वीकृत किया गया. याचिका पर बुधवार को सुनवाई के बाद न्यायाधीश नितिन जामदार और न्यायाधीश अनिल किल्लोर ने हेरिटेज कंजर्वेशन कमेटी को दोनों का रखरखाव संबंधित विभागों से कराने के आदेश दिए.
साथ ही रखरखाव नहीं होने तथा किसी तरह की आपत्ति होने पर इसे लेकर हाई कोर्ट में शपथपत्र देने के आदेश भी दिए. केपी मैदान के संदर्भ में अदालत मित्र श्रीरंग भांडारकर, जीरो माइल के संदर्भ में अदालत मित्र कार्तिक शुकुल, मनपा की ओर से अधि. जैमीनी कासट ने पैरवी की.
धरोहर की अनदेखी
गत सुनवाई के बाद अदालत द्वारा जारी आदेशों में कहा गया था कि हेरिटेज ग्रेड-1 में जीरो माइल होने के बावजूद इसका रखरखाव पूरी तरह नजरअंदाज रहा है. जिसके लिए जनता हमें दोष दे रही है. ऐसे में इसका रखरखाव सुनिश्चित होना जरूरी है. अदालत ने कहा था कि रखरखाव अच्छी तरह से होना चाहिए. सुनवाई के दौरान अदालत मित्र का मानना था कि हेरिटेज कमेटी द्वारा तैयार की गई सूची के अनुसार कुल 135 स्ट्रक्चर शामिल है, किंतु हेरिटेज कमेटी की ओर से इनके रखरखाव को लेकर कोई गंभीरता नहीं बरतीं गई.
मनपा की ओर से पैरवी कर रहे अधि. कासट ने अदालत से कहा कि अदालत के आदेशों के अनुसार नियम निर्धारित करने की प्रक्रिया शुरू की गई है. अदालत का मानना था कि अन्य हेरिटेज इमारतों के संदर्भ में चरणबद्ध तरीके से निर्णय लिया जाएगा. वर्तमान में जीरो माइल और कस्तूरचंद पार्क की समस्या हल होना जरूरी है.