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नागपुर. एक ओर पूरा शहर कोरोना से कराहने लगा है, दूसरी तरफ महानगर पालिका में एक बार फिर सरकारी ढर्रा नजर आने लगा है. मनपा प्रशासन ने बडे जोर शोर से कोरोना मरीजों के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किये लेकिन नागरिकों को इसका कभी लाभ नहीं मिला. ऐसा इसलिए क्योंकि जिन नंबरों पर कॉल किये जा रहे थे, उनके फोन के रिसिवर ही नीचे रखे होते हैं और हेल्पलाइन नंबर संपर्क से बाहर होने की जानकारी मिलती है. इस बात का खुलासा तब हुआ जब राकां के प्रदेश उपाध्यक्ष वेदप्रकाश आर्य अपने दलबल के साथ मनपा कार्यालय पहूंचे और स्वयं हेल्पलाइन की हकीकत जानी. उन्होंने अतिरिक्त जलज सक्सेना को इस बारे में ज्ञापन सौंपा और उचित कार्रवाई की मांग की.

कई घंटों तक नहीं लगता फोन
आर्य ने बताया कि मनपा के इंदिरा गांधी रुग्णालय, उत्तर अम्बाझरी रोड, सदर, पांचपावली, इमाम वाडा, केटी नगर के 450 बिस्तर वाले ऑक्सीजन सहित अस्पताल शुरू करने और कंट्रोल रूम के फोन हमेशा बन्द रहते है. मनपा कर्मचारी रिसिवर फोन से उतार कर रख देते हैं. इस कारण करीब 2-3 घंटे तक नहीं लगता है. इससे कई दिनों से कोरोना मरीजो को परेशानी हो रही है. कोरोना मरीजों को महात्मा फुले आरोग्य, आयुष्मान भारत योजना का लाभ नहीं मिल रहा है. कंट्रोल रूम से निजी अस्पतालों में बिस्तर की उपलब्धता की स्तिथि पता नहीं चल रही जबकि यहां 20% खाली है. प्रशासनिक व्यवस्था भी पूरी तरह चरमरा गई है.

स्टाफ की कमी, सहयोग की आशा
सारी बात सुनने के बाद अतिरिक्त आयुक्त सक्सेना ने नागपुर सिटिजन फोरम को बताया कि हमारे पास स्टाफ की कमी है अगर सामाजिक संस्थाएं निस्वार्थ भावना से निजी अस्पताल में सेवाएं देने को तैयार हैं तो हम सहयोग मिलेगा. मनपा के 5 हॉस्पिटल अगले 4 दिनों के भीतर शुरू किए जाएंगे. कंट्रोल रूम की भी वे स्वयं जांच करेंगे. उन्होंने आश्वासन दिया कि इस कठिन समय मे नियमों का दुरुपयोग या काम करने में जो भी कोताही बरतेगा उस पर तुरंत कड़ी कार्यवाही की जायेगी. इस दौरान

शिष्टमंडल में निशा खान, अनिल मछले, संजय जायस्वाल, रविन्द्र गिदोले, अभजित झा, गजानन सखारकर, मुनीब खान, शेखर, अभजित भोयर आदि उपस्थित रहे.